- उत्थान समिति ने किया गांधी एक सोच एक जागृति कार्यक्रम आयोजित
- स्वच्छता मार्च से किया गया कार्यक्रम का शुभारंभ
- नाट्य अभिनय के दौरान जनता की अदालत में गांधी जी ने दिए कई ज्वलंत सवालों के जवाब
गाजियाबाद। बहुत दिनों बाद एक ऐसा कार्यक्रम गाजियाबाद में किया गया जिसकी छाप प्रदेश ही नहीं देश के कौने-कौने में पड़ी है। गांधी एक सोच एक जागृति कार्यक्रम में गांधी जी का किरदार निभाने वाले फिल्म कलाकार एनके जानी ने जनता की अदालत में आज के मौजूदा हालात पर किए गए सवालों के बड़े ही बेबाकी से दिए। लोहियानगर स्थित हिन्दी भवन के स्टेज को भव्य रूप देते हुए पूरी तरह से अदालत रूम बना दिया गया। जज के रूप में आध्यात्मिक गुरु पवन सिन्हा थे जबकि वकील की भूमिका में डा. प्रवीण तिवारी थ। भारी बारिश के बावजूद भी हिन्दी भवन सभागार खचाखच भरा हुआ था। कार्यक्रम की शुरूआत महाराणा प्रताप चौक अवन्तिका कालोनी से गांधी स्वच्छता मार्च से हुई। जिसमें भारी बारिश के बावजूद लोगों का उत्साह देखते ही बनता था। फिर अवन्तिका से गाँधी स्वच्छता यात्रा निकाली गयी जो शास्त्रीनगर कविनगर होते हुए हिन्दी भवन पहुँची। रास्ते में यात्रा का भव्य स्वागत जगह जगह किया गया। भारत विकास परिषद ने शास्त्रीनगर में, कवि नगर व्यापार मण्डल ने सी ब्लॉक मार्केट में एवं बस अड्डे पर तथा अन्य जगहों पर पुष्प वर्षा करके तथा यात्रा में शामिल लोगों को माला पहना कर स्वागत किया गया। फिर हिंदी भवन में दीप प्रज्जवलन के साथ कार्यक्रम की शुरआत हुई। दीप प्रज्जवलन मुख्य अतिथि सांसद डा. अनिल अग्रवाल एवं गुरु पवन सिन्हा के द्वारा किया गया। जिसमें सत्येन्द्र सिंह, अरुण त्यागी, देवेन्द्र हितकारी, विनीत गोयल, बीके शर्मा हनुमान उपस्थित थे।
इस अवसर पर सांसद डा. अनिल अग्रवाल ने कहा कि गाँधी आज के समाज की जरुरत हैं। हमें गाँधी को अपने जीवन में उतारना चाहिए। गाँधी के विचारों को आज के समय के अनुसार सभी को ग्रहण करके उनके बताये रास्ते पर चलना चाहिए। स्वच्छता के लिए उन्होंने कहा था कि स्वच्छता हमारे जीवन में बहुत जरुरी है एवं इस आदत को हमें अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में अपनाना चाहिए।
गाँधी विषय पर बोलते हुए गुरु पवन सिन्हा ने कहा कि गाँधी के दो पहलू हैं एक दार्शनिक गाँधी और दूसरे आध्यात्मिक गाँधी। हमें दोनों पहलुओं को समझना होगा तभी हम उनको अपने जीवन में आत्मसात कर पायेंगे। गाँधी को लोग बिना उनके बारे में जाने गलत बोलने लगे हैं जबकि वे अनजाने में सिर्फ सोशल मीडिया के दुष्प्रभाव का शिकार हो रहे हैं। गाँधी के बारे में आपको जानना है तो आपको गाँधी दर्शन का गहन अध्ययन करना होगा। चर्चिल एक वहमी और शक्की इंसान था उसके लिखे पर यकीन करना गलत होगा।
गाँधी कहते थे कि आपका शौचालय इतना साफ होना चाहिए जितना आपका ड्राइंग रूम। तभी आप स्वस्थ रह पाएंगे। और उन्होंने जो भी कहा था उसके पीछे तर्क भी था क्योंकि महिलाओं की अधिकतर बीमारियाँ गंदे शौचालय के कारण ही होती हैं। अत: हमें उनके विषय में पढ़ना एवं समझना बहुत जरुरी है।
उत्थान समिति के चेयरमैन सत्येन्द्र सिंह ने कहा कि जैसा की आप लोग जानते ही हंै कि हमें आजाद हुए 75 साल पूरे हो चुके हैं और देश आज गुलामी की जंजीरों से मुक्ति का अपना अमृत काल मना रहा है। 75 साल की इस यात्रा मे हमने जहां आकाश को स्पर्श किया है वही चाँद तारों पर अपने अंतरिक्ष यान भेजकर दुनिया को भारत के शक्तिशाली होने का अहसास कराया है। योग से जहां हमने दुनिया को स्वस्थ रहने का सन्देश दिया हंै वहीं दुनिया में अपने कदम जमाकर अपनी युवा शक्ति के हौसलों की हुंकार भरी है। इसके बाद जनता की अदालत शुरू हुई जिसमें गाँधी को अदालत में पेश किया गया। वकील की भूमिका में डॉ. प्रवीण तिवारी ने गांधी से वर्तमान परिप्रेक्ष्य में प्रश्न पूछे और गाँधी ने सभी प्रश्नों का जवाब बड़ी बेबाकी से दिया। स्वच्छता, हेट क्राइम, वर्तमान राजनीति और सुधार को लेकर जो भी सवाल किए गए उनका गांधी जी ने कभी मुस्कराकर तो कभी गंभीर मुद्रा में जवाब दिए। भ्रष्टाचार को जड़ से उखाड़ने के लिए उन्होंने विश्वामित्र का उदाहरण दिया। विश्व में छिड़ रहे युद्ध और उसके प्रभाव को लेकर जहां जनता ने सवाल किए वहीं महिलाओं को लेकर भी सवालों का जवाब बापू ने दिया। गांधी जी ने कहा कि जब हम जरूरतों से जियेंगे ख्वाहिशों से नहीं क्यूंकि बेटी जरूरते तो फकीर की भी पूरी हो जाती हैं और ख्वाहिशें तो सिंकंदर की भी अधूरी ही रही। एक सवाल के जवाब में बापू ने कहा कि बेटी क्योंकि मेरी जरूरते हैं कम इसलिए ही मुझ में है दम। जज के रूप में विद्यमान गुरु पवन सिन्हा ने कहा कि
बापू आप एक व्यक्ति नहीं है, आप एक सोच हैं, एक जागृति हैं, जो समय-समय पर आकर हम सबको रास्ता दिखाती है। जीवन का सार समझाती है, प्यार और अध्यात्म की जुबान से देश प्रेम, भाईचारा और सत्य का सन्देश देती है। बापू मैं बस ये ही कहना चाहता हू की आप हमारे हीरो थे, हीरो हैं और हीरो रहेंगे।
फिर योगा की सुन्दर प्रस्तुति मास्टर चेरिस ने दी जिस पर दर्शकों ने जमकर तालियाँ बजाई। गुरु शिखा खरे एवं सुष्मिता घोष ने अपनी कत्थक नाट्य प्रस्तुति से गाँधी के विभिन्न आंदोलनों एवं कार्यक्रमों को बहुत ही शानदार तरीके से प्रस्तुत किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में अरुण त्यागी, आशीष त्यागी, विनीत गोयल, वीके अग्रवाल, कृष्ण वीरसिंह सिरोही, भानू शिशोदिया, रिंकू त्यागी, पारस कौशिक, अभिषेक सिंघल आदि का विशेष सहयोग रहा।