गाजियाबाद। महानगर में डेंगू से युवा उद्यमी की मौत ने दहशत का माहौल कायम कर दिया है। डेंगू के मामले बढ़ते देख स्वास्थ्य एवं जिला प्रशासन ने एहतियात बरतने के लिए लोगों के लिए एडवाइजरी जारी की है। युवा उद्यमी 21 वर्षीय आयुष गोयल शहर के प्रतिष्ठित उद्यमी संजीव गुप्ता (समरकूल कंपनी) के संगे भांजे थे। आयुष गोयल की मौत की खबर से व्यापारी जगत में शोक की लहर है। स्वास्थ्य विभाग ने आयुष गोयल के राजनगर स्थित आवास के पास लगभग 50 आवासों में एंटी लार्वा दवा का छिड़काव कराया है। सीएम भवतोष शंखधर ने बताया कि डेंगू के मामलों के बढ़ने के बाद से लोगों को जरूरी अहतियात बरतने को कहा गया है।
बता दें कि आयुष गोयल को तीन दिन पहले बुखार आया था। उन्हें नेहरुनगर स्थित यशोदा अस्पताल में भर्ती कराया गया था। स्वास्थ्य विभाग के जिला सर्विलांस अधिकारी आरके गुप्ता ने बताया कि डेंगू बुखार होने के साथ-साथ आयुष को मल्टीपल आर्गन सिंड्रोम की बीमारी भी थी। उनकी डेंगू की जांच रिपोर्ट पाजीटिव आई थी। वह 27 जुलाई को परिजनों के घूमने के लिए हरिद्वार गए थे। वहां अचानक तबीयत खराब होने पर बुखार महसूस हुआ तो वहीं से दवाई ली थी। वापस आने पर उसी रात को राजनगर में प्राइवेट डाक्टर अमित राय से इलाज कराया था। परिजनों ने शनिवार को खून की जांच कराई थी। जिसमें प्लेटलेटस 1.5 लाख आई थीं। आयुष को पेशाब व शोच में परेशानी हो रही थी। हालत में सुधार न होने पर शनिवार की ही रात को यशोदा अस्पताल में भर्ती कराया गया था। सोमवार को जांच में डेंगू की पुष्टि हुई थी।
ये है एडवाइजरी
सीएमओ डा. भवतोष शंखधर ने बताया कि डेंगू से बचाव को लेकर एडवाइजरी जारी की गई है। जिला सर्विलांस अधिकारी की ओर से जारी की गई एडवाइजरी में बताया कि डेंगू को हल्के में नहीं लेना चाहिए, इससे मृत्यु भी हो सकती है, इसलिए लोग अपने घरों में कूलर में से पानी को निकाल दें, छत की टंकियों पर ढक्कन अवश्य लगा होना चाहिए। छत पर बारिश का पानी एकत्रित है उसकी निकासी का उचित प्रबंध तुरंत करें। गमले, पक्षियों के पानी पीने के लिए रखे गए पोट आदि सामानों को नियमित रूप से साफ करते रहें। छत एवं खुले में रखे हुए बेकार पुराने टायर, टूटे-फूटे बर्तन इत्यादि में रखे पानी को नियमित रूप से बदलते रहें जिससे कि इन स्थलों पर एडीज मच्छर को पनपने से रोका जा सके। यदि आप घर से कई दिनों के लिए जा रहे हैं तो बाथरूम में टब व बाल्टी को उल्टी करके रख दें।
डेंगू को बढ़ाने में मददगार हो रही बारिश और बाढ़
डेंगू के लार्वा को बढ़ाने में पिछले हुई मूसलाधार बारिश और बाढ़ का पानी मददगार साबित हो रहे हैं। बारिश के बाद से डेंगू के मरीज बढ़ रहे हैं। एक माह में डेंगू के 25 मरीज मिल चुके हैं। वर्तमान में डेंगू के तीन मरीजों का अलग-अलग अस्पतालों में इलाज चल रहा है।