- जिले में सब सेंटर स्तर तक उपलब्ध कराई जाती हैं परिवार नियोजन सेवाएं
- अंतराल दिवस पर अंतरा गर्भनिरोधक इंजेक्शन पर रहता है फोकस
हापुड़। बेहतर प्रजनन स्वास्थ्य के लिए परिवार नियोजन जरूरी है। शादी के दो साल बाद पहला बच्चा और उसके तीन साल बाद दूसरा बच्चा, परिवार नियोजन कार्यक्रम का यही मूल उद्देश्य है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. सुनील कुमार त्यागी ने बताया कि मातृ व शिशु स्वास्थ्य के लिए दो बच्चों के बीच तीन साल का अंतर जरूरी है। इस अंतराल में ही महिला शारीरिक रूप से दुबारा मां बनने की स्थिति में आ पाती है और अपने पहले बच्चे का भी सही से लालन पालन कर पाती है। इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए परिवार नियोजन कार्यक्रम के तहत जिले में हर बृहस्पतिवार को ह्लअंतरालह्व दिवस का आयोजन किया जाता है।
परिवार नियोजन कार्यक्रम के नोडल अधिकारी एसीएमओ डा. प्रवीण शर्मा ने बताया कि जनपद में हर 21 तारीख को खुशहाल परिवार दिवस मनाया जाता है और उसी की तर्ज पर सब-सेंटर (जहां सीएचओ तैनात हैं) स्तर तक हर बृहस्पतिवार को ह्लअंतरालह्व दिवस का आयोजन किया जाता है। उन्होंने बताया – अंतराल दिवस पर सभी परिवार नियोजन सेवाएं उपलब्ध कराई जाती हैं लेकिन तिमाही गर्भनिरोधक इंजेक्शन ह्लअंतराह्व पर विशेष फोकस रहता है। लाभार्थियों को ह्लअंतराह्व इंजेक्शन के बारे में विस्तृत जानकारी दी जाती है और इच्छुक महिलाओं को ह्लअंतराह्व लगाया जाता है। जब तक गर्भधारण न करना चाहें तब हर तीन माह पर यह इंजेक्शन लगवाना होता है। प्रजनन स्वास्थ्य पर इस इंजेक्शन का कोई विपरीत प्रभाव नहीं पड़ता।
जिला परिवार नियोजन विशेषज्ञ बृजभान यादव ने बताया कि अंतराह्व गर्भनिरोधक इंजेक्शन अपनाने वाली हर लाभार्थी के बैंक खाते में सरकार की ओर से 100 रुपए का भुगतान किया जाता है। उन्होंने बताया ह्लअंतरालह्व दिवस परिवार नियोजन संबंधी काउंसलिंग के साथ ही परिवार नियोजन की सभी सेवाएं उपलब्ध कराई जाती हैं।