गाजियाबाद। छठे जयपुरिया वार्षिक स्कूल लीडरशिप कॉन्क्लेव का आयोजन 9 व10 जनवरी को किया गया। इसका उद्देश्य सेठ आनंदराम जयपुरिया ग्रुप आफ एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस और उसके भागीदार स्कूलों के बीच संबंध और मजबूत करना है।
कॉन्क्लेव का आयोजन जयपुरिया स्कूल आफ बिजनेस, गाजियाबाद में किया गया। इसमें पार्टनर स्कूलों के प्रिंसिपलों और लीडरशिप टीमों ने उत्साह से भागीदारी की। मुख्य अतिथि प्रोफेसर शरद सिन्हा, विभागाध्यक्ष, शिक्षक शिक्षा, एनसीईआरटी ने उद्घाटन समारोह की शोभा बढ़ाई। प्रोफेसर सिन्हा ने अपने संबोधन में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के विजन के बारे में विस्तार से बताया और एक प्रगतिशील डॉक्युमेंट के रूप में इसकी सराहना करते हुए कहा कि इससे छात्रों को विषयों के चयन में अधिक सुविधा मिलेगी और विभिन्न विषयों से परस्पर सीखने का अवसर मिलेगा। प्रतिभा को सफल होने का माहौल देना समय की मांग है। बुद्धिमान बच्चों को शिक्षकों का प्रोत्साहन चाहिए और हमें इस चुनौती पर खरा उतरना है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि ज्ञान सोखने के बजाय आत्मसात किया जाए। विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित करना होगा। साथ ही, हमें टेक्नोलॉजी के अतिशय उपयोग से बचना चाहिए,ह्व उन्होंने कहा। उद्घाटन के अवसर पर विनोद मल्होत्रा, सलाहकार, सेठ आनंदराम जयपुरिया ग्रुप आफ एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस, अनिर्बान भट्टाचार्य, उपाध्यक्ष, पार्टनर स्कूल, राजीव आर ठाकुर, महानिदेशक, जयपुरिया स्कूल आफ बिजनेस और शालिनी नांबियार, निदेशक प्राचार्य, सेठ आनंदराम जयपुरिया स्कूल, गाजियाबाद की भी उपस्थिति देखी गई। विनोद मल्होत्रा ने स्कूलों से जोरदार अपील की कि शिक्षा उपदेश की तरह नहीं हो और इसमें रटने पर जोर नहीं हो बल्कि बच्चों को व्यावहारिक रूप से सीखने का अनुभव दिया जाए। अनिर्बान भट्टाचार्य ने धन्यवाद ज्ञापन किया और सेठ आनंदराम जयपुरिया ग्रुप आफ स्कूल्स की प्रतिबद्धता दुहराई कि 2025 तक 50 पार्टनर स्कूल बनाकर देश के दूर-दराज के क्षेत्रों में भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करेंगे।
कॉन्क्लेव दो दिन का था जिस दौरान स्कूल लीडरशिप, शिक्षकों के प्रोफेशनल विकास और टेक्नोलॉजी शामिल करने जैसे अहम् विषयों पर डोमेन एक्सपर्ट के सत्र आयोजित किए गए थे। वर्तमान में सेठ आनंदराम जयपुरिया ग्रुप आॅफ स्कूल्स के उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और मध्य प्रदेश में 3 कोर और 14 पार्टनर स्कूल हैं। जयपुरिया ब्रांड सभी पार्टनर स्कूलों को लॉन्च से पहले और लॉन्च के बाद सभी जरूरी सहयोग देता है जैसे कि आर्किटेक्चर, शिक्षा, मार्केटिंग, आईटी, आॅडिटिंग और गुणवत्ता जांच में सहयोग। शिक्षा जगत में इस ब्रांड की 77 वर्षों की विरासत है।