गाजियाबाद। मोहननगर स्थित आईटीएस में द्वि-दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन तथा 39वीं जीआईएसएफआई मानकीकरण श्रृंखला बैठक का शुभारम्भ हो गया। इस सम्मेलन का विषय 6 जी एवं हरित प्रोद्योगिकी है। इस सम्मेलन का उद्देश्य देश-विदेश के शोध कर्ताओं तथा प्रसिद्ध टैक्नोकेट्स को एक सार्थक मंच उपलब्ध कराना हैं जहां वे अपने अनुभव एक साथ साझा कर सके तथा नई तकनीकों को एक उच्च आयाम पर ले जाया जा सके। समारोह का औपचारिक उद्घाटन आईटीएस समूह के चेयरमैन आरपी चढ्ढा, वाइस चेयरमैन अर्पित चढ्ढा, मुख्य अतिथि रामजी प्रसाद, विशिष्ट अतिथि सोरेन ट्रेनबर्ग हैन्सेन,, मुख्य प्रवक्ता डा. संदीप इनामदार वाईस चेयरमैन विश्वनिकेतन पुणे, आईटीएस मोहननगर के आईटी विभाग तथा स्नातक परिसर के निदेशक डा. सुनील कुमार पांडेय तथा आईटीएस स्नातक परिसर की वाइस प्रिंसिपल प्रोफेसर नैन्सी शर्मा एवं डा. एसडीएस द्वारा मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्जवलन से हुआ। इस सम्मेलन में देश के विभिन्न हिस्सों से बड़ी संख्या में शोध पत्र के प्रतिनिधी तथा योगदानकर्ता भाग ले रहे हंै।
अपने स्वागत संबोधन में आईटीएस समूह के वाइस चेयरमैन अर्पित चढ्ढा ने सभी आमंत्रित अतिथियों का स्वागत करते हुए वर्तमान परिदृष्य में सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में चल रहे विकास एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर भारतीय प्रोफेशनल्स की स्वीकार्यता एवं उनके देश के आर्थिक विकास में योगदान महत्वपूर्ण भूमिका पर चर्चा की। मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए रामजी प्रसाद ने सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में हो रहे नित नये शोध एवं विकास कार्यों का उल्लेख करते हुए उनके व्यवसायिक, सामाजिक एवं शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तनों पर विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि हमें इन तकनीकों के सफलतापूर्वक क्रियान्वयन एवं उपयोग के लिए हमें इसके अनुप्रयोगों को समझने एवं आत्मसात करने की आवश्यकता है।
अपने सम्बोधन में सोरेन ट्रेनवर्ग हैन्सेन ने सूचना प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोगों की चर्चा की। उन्होंने ई-गवर्नेन्स से जुड़े विभिन्न बिन्दुओं पर विस्तार से चर्चा करते हुए संस्थानों एवं व्यावसायिक प्रतिष्ठानों की उत्पादकता, गुणवत्ता सुधार एवं पारदर्शिता बढ़ाने में ई-गवर्नेन्स की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला।
आईटी विभाग के निदेशक डा. सुनील कुमार पाण्डेय ने अपने स्वागत सम्बोधन में सभी अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि वर्तमान परिप्रेक्ष्य में इन्टरनेट तथा इन्टरनेट से सम्बंधित एप्लिकेशन्स का अधिक महत्व है। इस वातावरण में 6जी टैक्नोलोजी मील का पत्थर साबित होगी।
आईटीएस स्नातक परिसर की वाइस प्रिंसिपल प्रोफेसर नैन्सी शर्मा ने अपने सम्बोधन में कहा कि हरित तकनीक आज के परिदृश्य में वातावरण को बचाने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। बैठक का संचालन आईटी विभाग की प्रोफेसर पूजा धर ने किया। उद्घाटन सत्र के पश्चात तीन समूह वार्ताओं का आयोजन किया गया जिसमें देश-विदेश के प्रसिद्ध शिक्षाविद शोधकर्ता तथा टैक्नोक्रेटस ने भाग लिया। प्रथम दिन के वक्ताओं में केके ठाकुर, डा. दिनेश चंदा शर्मा, प्रोफेसर विक्रम सिंह, सुधांशु शेखर जमुआर, डा. वंदना रोहोकाले एवं प्रो. अभय रे ने विभिन्न आयामों पर चर्चा की। इस अवसर पर बड़ी संख्या में छात्र, संकाय सदस्य एवं विभिन्न संस्थानों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।