- छह माह बाद मां के दूध के साथ ऊपरी आहार देने से होता बच्चे का संपूर्ण विकास : डीपीओ
गाजियाबाद। मां का दूध बच्चे के लिए अमृत के समान है। छह माह तक केवल मां का दूध बच्चे के संपूर्ण विकास के लिए पर्याप्त होता है। यहां तक कि बच्चे को पानी तक देने की जरूरत नहीं होती, लेकिन छह माह की आयु पूरी करने पर उसे मां के दूध के साथ ऊपरी आहार देना भी जरूरी हो जाता है। यह बातें बुधवार को जिला कार्यक्रम अधिकारी शशि वार्ष्णेय ने कहीं। उन्होंने बताया कि बृहस्पतिवार को शासन स्तर से सही समय पर ऊपरी आहार की शुरूआत विषय पर पोषण पाठशाला का आयोजन किया जाएगा। इस संबंध में मुख्य विकास अधिकारी विक्रमादित्य सिंह मलिक की ओर से निर्देश जारी किए गए हैं।
जिला कार्यक्रम अधिकारी शशि वार्ष्णेय ने बताया कि पोषण पाठशाला पूर्वाह्न 11 बजे से एक बजे तक चलेगी। जिला स्तर पर इसका लाइव प्रसारण एनआईसी के माध्यम से किया जाएगा। जिला कार्यक्रम अधिकारी, बाल विकास परियोजना अधिकारी, मुख्य सेविका, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग के लाभार्थी, गर्भवती (अंतिम त्रैमास) और धात्री माताएं प्रतिभागी होंगी। पाठशाला में ऊपरी आहार संबंधी चुनौतियों तथा उनके समाधानों पर विस्तृत चर्चा की जाएगी। पोषण पाठशाला में अधिकारियों के अलावा विषय विशेषज्ञ हिन्दी में सवालों के जवाब भी देंगे। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अपने स्मार्ट फोन के जरिए प्रतिभाग करेंगी और लाभार्थियों को प्रतिभाग कराएंगी। यह कार्यक्रम वेब लिंक पर लाइव वेब-कॉस्ट भी होगा। इस लिंक से कोई भी सीधे कार्यक्रम से जुड़ सकेगा।
इस कार्यक्रम में एनआईसी के जरिए जुड़ने वाली लाभार्थी विशेषज्ञों से प्रश्न पूछ सकेंगी। जिला कार्यक्रम अधिकारी जनपद के एनआईसी केन्द्र पर बाल विकास परियोजना अधिकारियों एवं मुख्य सेविकाओं के साथ उपस्थित रहेंगी।
जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि सुपोषित बचपन के लिए छह माह की आयु पर ऊपरी आहार की शुरूआत एक महत्वपूर्ण हस्तक्षेप है, जिसमें परिवार समुदाय तथा प्रथम पंक्ति के कार्यकतार्ओं विशेषत: आँगनबाड़ी कार्यकर्ता का महत्वपूर्ण योगदान है। जानकारी का अभाव, समय का अभाव, प्रचलित मान्यताएं कई ऐसे कारण हैं, जिनकी वजह से बच्चे संपूर्ण पोषण से वंचित रह जाते हैं। इस व्यवहार की कमी छोटे बच्चों में स्टंटिंग (कम ग्रोथ) का भी एक प्रमुख कारण है।
सितंबर माह होगा पोषण माह : शशि वार्ष्णेय
जिला कार्यक्रम अधिकारी शशि वार्ष्णेय ने बताया कि सितंबर माह को पोषण माह के रूप में मनाया जाएगा। पोषण माह के दौरान आंगनबाड़ी केंद्रों पर विभिन्न गतिविधियों का आयोजन कर स्तनपान, अन्नप्राशन और छह माह की आयु पर ऊपरी आहार की शुरूआत के बारे में विस्तार से बताया जाएगा। उन्होंने बताया इस आयोजन के दौरान विभिन्न प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाएंगी ताकि बचपन को अच्छे से पोषित करने के संबंध में सामुदायिक स्तर पर बढ़ावा मिल सके।