लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा राज में बहन-बेटियां सर्वाधिक असुरक्षित और अपमानित जीवन जीने को विवश हैं। भाजपा बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओंह्य का नारा देकर सत्ता में आयी है और भाजपा सरकार में बहन-बेटियों की इज्जत रोज ही तार-तार हो रही हैं। बेखौफ अपराधी दुष्कर्मों को अंजाम दे रहे हैं और प्रशासन आंखे मूंद कर बैठा है। किसी भी राज में बच्चियां इतनी असुरक्षित कभी नहीं रही जितनी भाजपा राज में है और उन्हें सबसे ज्यादा खतरा भाजपाइयों से ही है। बहराइच में भाजपा के नगर उपाध्यक्ष ने अपने दो साथियों के साथ मिलकर एक नाबालिग किशोरी से सामूहिक दुष्कर्म किया। इसका रिसिया थाने में मुकदमा दर्ज नहीं हुआ। लखनऊ में भी उसे दुष्कर्म का शिकार होना पड़ा। सत्ताधीशों के दबाव में मुकदमा दर्ज नहीं हो पा रहा है। उसने जनपद की एमएलसी से न्याय की भीख मांगी पर वह भी सुनकर चली गई।
आजादी के अमृतकाल में दिनदहाड़े बेटियां जलाई जा रही है और उनकी हत्याएं हो रही हैं। मऊरानीपुर में मन्दिर दर्शन करने गई बेटी को जिंदा जलाने की दर्दनाक घटना हुई। हमीरपुर में युवती को निर्वस्त्र कर पीटा गया। वह गिडगिड़ाती रही, दरिन्दे वारदात को अंजाम देते रहे।
मोदीनगर में नौ साल की एक मासूम बच्ची को अगवाकर उसके साथ दुष्कर्म किया गया फिर उसे मार डाला गया। औरैया जनपद के दिबियापुर में मायके आई महिला से गैंगरेप के साथ उसके गहने-मोबाइल भी बदमाश लूूट ले गए। एटा में छेड़छाड़ से तंग आकर एक किशोरी ने पढ़ाई बंद कर दी। पुलिस उसको स्कूल जाने की सुरक्षा भी नहीं दे पाई। एक गम्भीर प्रश्न यह भी उठता है कि भाजपा राज में ही बच्चियों के साथ दुष्कर्म की घटनाओं की बाढ़ क्यों आ गई है? मुख्यमंत्री की बड़ी-बड़ी घोषणाओं का जमीन पर असर क्यों नहीं दिखाई पड़ता है? तमाम अपराधिक घटनाओं में भाजपाई नेताओं की संलिप्तता क्यों दिखाई दे रही है? सत्ता के दबाव में अपराधियों के खिलाफ मुकदमें दर्ज करने की जगह हीलाहवाली होती है। संगठन के स्तर पर अपराधी भाजपाइयों के खिलाफ त्वरित कार्यवाही भी क्यों नहीं होती? सुशासन और गुडगवर्नेंस का जाप करने वाले भाजपा नेताओं को इन सवालों का जवाब जनता को देना ही होगा?