गाजियाबाद। काइट ग्रुप आफ इस्टीटूशन्स में एमसीए विभाग की टीम डीएसडीसी ने एमसीए प्रथम वर्ष के छात्रों के लिए आनलाइन मोड मे आइडियाथॉन-2 के 22 का आयोजन किया। इस आयोजन में छात्रों ने पीपीटी का उपयोग करके प्रोजेक्ट डेवलपमेंट के लिए नवीन विचार प्रस्तुत किये। एमसीए विभागाध्यक्ष डा. अजय कुमार श्रीवास्तव ने जानकारी देते हुए कहा कि यह सभी छात्रों के लिए उत्कृष्ट सॉफ्टवेयर विकसित करने में अपनी प्रतिभा साबित करने और भविष्य में इसे एक उत्पाद के रूप में बाजार में लाने का एक शानदार अवसर रहेगा। यह कंपनी प्लेसमेंट की तैयारियों में भी मदद करेगा।
डॉ. अजय कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि प्रोजेक्ट कल्चर को आगे बढ़ान ेऔर छात्रों को एक हेल्थी कम्पटीशन देन ेके लिए इस प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। सभी के पास विचार होते हैं। इन विचारों की गुणवत्ता और आप उनके साथ क्या करना चुनते हैं, यह एक और कहानी है। यहीं से आईडियाथॉन की आवश्यकता छात्रों के लिए आती है। विचार प्रबंधन को कुछ ऐसा मानत ेहुए जिसे आप अभ्यास कर सकें और सुधार कर सकें, आपकी कंपनी के लिए एक बड़ा लाभ अनलॉक कर सकता है। अपनी सोच प्रक्रियाओं में संरचना लाकर, आप बेहतर विचारों तक पहुंच प्राप्त करते हैं। उन्हें तेजी से विकसित करते हैं, और विशेषज्ञों से व्यापक इनपुट प्राप्त करते हैं। इस तरह की प्रतियोगिताएं छात्रों को अच्छे प्रोजेक्ट को चयन करने में, रिसर्च के लिए विचारों को जगानें मे ंअतिआवश्यक है। चूंकि युवा छात्र नवीन विचारों से भरे हुए हैं इसलिए हम अपने युवा छात्रों को एक ऐसा मंच प्रदान करना चाहत है जहा वे अपन अद्भुत अभिनव विचारों को साझा कर सकें ताकि अच्छे प्रोजेक्ट्स बनायें जा सकें।
प्रो. प्रशांत अग्रवाल (एसोसिएट हेड डीएसडीसी) ने बताया कि साल 2021 में पहली बार आईडियाथान की शुरूआत की गयी थी। आईडियाथॉन-2 के 22 में 30 ग्रुप्स के तहत कुल 139 छात्र भाग ले रहे हैं। इन सभी ग्रुप्स को 4 अलग-अलग श्रेणियों में बांटा गया है। वेब और मोबाइल श्रेणी में 10 ग्रुप्स ने, आईओटी श्रेणी में 8 ग्रुप्स ने, ब्लॉक चेन और एमएल श्रेणी में 5 ग्रुप्स ने और मिसलेनियस श्रेणी में 7 ग्रुप्स ने अपने-अपने आइडियाज आईडियाथॉन में प्रस्तुत किये। मेकिंग लाइफमोर इजी नाम से एक आईडिया प्रस्तुत करत ेहुए एक ग्रुप ने कहा किस भी घरेलू उपकरण अगर एक ही मोबाइल ऐप से जुड़ जाते है ंतो यह एक व्यक्ति के जीवन को सभी घरेलू उपकरणों को संभालने मे आसान बना देगा। लव दुबे के ग्रुप ने कहा कि न्यूस्टार्ट अप्स आखिर असफल क्यों हो जाते हैं जबकि भारतीय सरकार स्टार्ट अप्स को बढ़ावा दे रही है, इस का कारण है आईडिया की अच्छी तरह से मार्केटिंग ना होना। हम नए स्टार्ट अप के लिए ऐसा मंच प्रदान कर सकत ेहै ंजो अधिक लाभ और उचित बाजार प्राप्त करने के लिए अपनी मार्केटिंग रणनीतियों को बढ़ाने का वादा कर सके। ओ.पीजीए नोट्स सर्च इंजन, आॅटोमेशन आॅफ कैंटीन आॅर्डर्स, स्मार्ट बिल्डिंग, इंटेलीजेंट हाईवे सिस्टम, स्मार्ट इरीगेशन सिस्टम, गो-वोट आदि आइडियाज छात्रों द्वारा प्रस्तुत किये गए।
कार्यक्रम के आयोजन से छात्र पूरे उत्साह मे दिखाई दिए। छात्र आदित्य अग्रवाल ने आईडियाथॉन-2 के 22 के आयोजकों का धन्यवाद व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रम छात्रों को बहुत ही मददगार साबित होते हैं। मुझे प्रोग्रामिंग आती थी लेकिन अपने आईडिया को प्रेजेंट कैस ेकिया जाये, य ेइस प्रतियोगिता से पता चला। हिमांशु सैनी ने कहा कि ये हमारे लॉजिक्स को बढ़ाने मे ंसहायक रहा। बिगिनर्स को ऐस ेप्रोग्राम्स से प्रोजेक्ट कल्चर को समझने में सहायता मिलती है। निशांत शर्मा ने ेइस तरह की प्रतियोगिताओं को आयोजित करने के लिए कॉलेज का धनयावाद दिया। इस प्रतियोगिता को अमेजिंग ओप्पोरचुनिटी कहते हुए परीमेंष्ठा शुक्ला ने कहा कि अपन ेस्किल्स को एनहान्स करन ेऔर अपने टारगेट को निश्चित करने में हम छात्रों को इस प्रतियोगिता से सहायता मिलेगी। आक्षी विश्नोई ने इस प्रकार का हेल्दी कॉम्पिटेटिव प्लेटफार्म देन ेके लिए कॉलेज का और विभाग को धन्यवाद व्यक्त किया।
आईडियाथॉन-2 के 22 के कोआॅर्डिनेटर डॉ. विपिन कुमार ने मैनेजमेंट, संस्था के डायरेक्टर एवं जॉइंट डायरेक्टर, एमसीए विभागाध्यक्ष, सभी फैकल्टी मेंबर्स व सभी छात्र-छात्राओं का आभार प्रकट किया। इस अवसर पर प्रो.आरएन पांडा, डॉ. आकाश रजक, डॉ. अरुण त्रिपाठी, प्रो.अमित गोयल, डॉ. संगीता अरोड़ा, डॉ, शशांक भारद्वाज, प्रो. अमित कुमार, डॉ. अमित गुप्ता, प्रो.अंकित वर्मा, प्रो. शालिका अरोड़ा, प्रो. सिद्धेश्वरी दत्त मिश्रा, प्रो. विदुषी, प्रो. दिव्या सिंघल आदि उपस्थित रहे।