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हैकर समूह ने 17 देशों को बनाया निशाना, सैकड़ों कंपनियों से मांगी फिरौती

वाशिंगटन। एक डार्क वेबसाइट के जरिये हैकरों ने विश्व की सैंकड़ों कंपनियों से सामूहिक फिरौती मांगते हुए साइबर हमला किया है। रविवार को रूस से संबद्ध इस हैकर ग्रुप ने विभिन्न कंपनियों से सात करोड़ डालर (करीब 5.21 अरब रुपये) की फिरौती मांगते हुए धमकी दी है कि उन्हें रकम नहीं दी तो वह उनकी कंपनियों का हैक किया डाटा बहाल कर देंगे।

रेविल रैनसमवेयर के शुक्रवार को किए हमले में नाटकीय तरीके से इसकी शिकार कंपनियों की तादाद बढ़ती ही जा रही है। रेविल साइबर क्राइम गैंग को साइबर क्षेत्र में फिरौती वसूलने वाले सबसे कामयाब गैंग के रूप में देखा जाता है। साइबर सुरक्षा कंपनी ‘रिकार्डेड फ्यूचर’ की एलन लिस्का ने कहा कि यह गैंग अक्सर किसी न किसी से संबद्ध होकर काम करता है और इसीलिए यह तय करना मुश्किल है कि हैकरों की तरफ से कौन बात कर रहा है।

मालूम हो कि वह हमले की जांच कर रहा था। बाइडन ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर रेविल और अन्य रैंसमवेयर गिरोहों को सुरक्षित पनाहगाह प्रदान करने से रोकने के लिए दबाव डाला है, जो लगातार हमले कर रहे हैं जिसे अमेरिका राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा मानता है।

राष्ट्रपति जो बाइडन ने सुझाव दिया कि अगर रूसी सरकार जांच में पूरी तरह से शामिल होने के लिए दृढ़ संकल्पित है तो अमेरिका कार्रवाई करेगा। उन्होंने कहा कि उन्होंने खुफिया एजेंसियों से इस बारे में विवरण मांगा है। साइबर सुरक्षा फर्म सोफोस के अनुसार वित्तीय सेवाओं, यात्रा, अवकाश और सार्वजनिक क्षेत्र सहित सभी महाद्वीपों पर नवीनतम हमलों से विभिन्न व्यवसाय और सार्वजनिक संस्थान प्रभावित हुए हैं।

रैंसमवेयर अपराधी आपके नेटवर्क में सेंध लगाते हैं और मैलवेयर फैलाने के लिए आपके सभी डाटा को खंगालते हैं जिसकी सक्रियता के दौरान आपका नेटवर्क खराब हो जाता है। भुगतान के समय पीडि़तों को एक डिकोडर कुंजी मिलती है। जर्मनी में एक अज्ञात आइटी सेवा कंपनी ने अधिकारियों को बताया कि हजारों ग्राहक जोखिम में हैं।

एक साफ्टवेयर कंपनी के सीईओ ने अनुमान लगाया कि साइबर हमले का शिकार होने वालों की संख्या हजारों में होगी। उनमें से ज्यादातर छोटे और मध्यम स्तर के उद्यमी हैं जैसे दंत चिकित्सालय, वास्तु फर्म, प्लास्टिक सर्जरी केंद्र, पुस्तकालय आदि।

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