गाजियाबाद। कोविड-19 के संदर्भ में शासन स्तर से आॅनलाइन क्लास न रोके जाने, किसी भी बच्चे का स्कूल से नाम न काटे जाने के आदेश पारित किए गए थे। इसके बाद भी स्कूलों में बच्चों की आॅनलाइन क्लास, परीक्षा रोके जाने की शिकायत अभिभावकों द्वारा जिला विद्यालय निरीक्षक से किए जाने पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही थी। जिला विद्यालय निरीक्षक शासनादेश का अनुपालन करते हुए स्कूलों के खिलाफ न तो आपदा अधिनियम 2005 के खिलाफ कार्यवाही कर रहे हंै और न ही जिला शुल्क नियामक समिति में चर्चा कर समस्या का निस्तारण कर रहे हैं। इससे स्कूल प्रबंधकों के मंसूबे इतने मजबूत हो गए हैं कि अब स्कूलों ने बच्चों का वार्षिक परीक्षा परिणाम घोषित नहीं कर रहे हैं। बच्चों को अगली क्लास में प्रमोट नहीं किया जा रहा है, इतना ही नहीं बच्चों को स्कूलों से निकाले जाने की धमकी दी जा रही है। आॅल स्कूल पेरेन्ट्स एसोसिएशन की अध्यक्ष शिवानी जैन ने कहा कि महीनों बीत जाने के बाद भी पेरेन्ट्स को सरकारी आदेश का लाभ नहीं मिल पा रहा है। इससे पेरेन्ट्स को परेशानी हो रही है। अगर जिला विद्यालय निरीक्षक आदेशों को लागू नहीं करा पाते हंै तो उन्हें अपने पद पर बने रहने का कोई हक नहीं है। महासचिव सचिन सोनी ने आरोप लगाया है कि जिला विद्यालय निरीक्षक वेतन सरकार से ले रहे हैं और काम स्कूलों के लिए कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिला विद्यालय निरीक्षक की निष्क्रियता के कारण छात्रों का भविष्य अधर में लटका है। शासनादेशों का पालन कराने की मांग को लेकर ही अभिभावकों के साथ आॅल स्कूल पैरेंट्स एसोसिएशन ने जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय पर धरना दिया। धरना देते ही डीआईओएस दफ्तर से चले गए। उनकी बात भी नहीं सुनी। धरना देने वालों में
तमन्ना खन्ना, अजय मित्तल, मनीष राघव, राहुल जैन, अंकित त्यागी, अरुण वर्मा, रोहित चौधरी, सुनील कुमार, भूपेंद्र कुमार आदि उपस्थित थे।