गाजियाबाद। गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन को सुबह से ही सेंट फ्रांसिस स्कूल के अभिभावकों द्वारा शिकायत की गई कि कोरोना वैश्विक महामारी के कारण आर्थिक तंगी से जूझ रहे अभिभावकों द्वारा फीस जमा न कर पाने के कारण स्कूल द्वारा बच्चों के रिजल्ट रोक दिया गया है जबकि कुछ अभिभावकों द्वारा बताया गया कि उनके द्वारा लगभग 80 प्रतिशत फीस जमा की जा चुकी है उसके बाद भी स्कूल द्वारा रिजल्ट नहीं दिया गया। स्कूल द्वारा कहा गया कि पूरी फीस जमा करने के बाद ही बच्चों को रिजल्ट दिया जायेगा। स्कूल ने अभिभावकों से 10 रुपये के स्टाम्प पेपर पर लिखने के लिए बोला गया कि कब तक अभिभावकों द्वारा पूरी फीस जमा की जाएगी। हद तो तब हो गई जब अभिभावकों ने स्कूल की प्रधानाचार्य से मुलाकात करने के लिए कहा गया तो स्टाफ द्वार यह कहकर मना कर दिया गया कि यह स्कूल मैनेजमेंट का फैसला है। प्रधानाचार्य फीस के संबंध में कोई बात नहीं करेगी जो दिखाता है कि प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन की चुप्पी के कारण निजी स्कूलों के हौसले बुलंद हंै और इस वैश्विक महामारी में भी अभिभावकों का शोषण करने के लिए नए-नए हथकंडे अपना रहे हैं। प्रदेश सरकार द्वारा भी सभी अभिभावकों को सक्षम मान लिया गया जबकि निजी स्कूलों को फीस माफ करने के लिए सक्षम नहीं माना गया है क्योंकि जिले व प्रदेश में 90 प्रतिशत निजी स्कूल विभिन्न पार्टियों के नेताओं के हैं। सरकार में बैठे नीति निर्धारकों द्वारा लगातार पिछले लंबे समय से अभिभावकों की आवाज को अनसुना किया जा रहा है। इस कारण प्रदेश सरकार के खिलाफ अभिभावकों में निराशा और गुस्सा बढ़ता जा रहा है। सेंट फ्रांसिस स्कूल के अभिभावक रिजल्ट रोकने को लेकर कल गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन के साथ जिलाधिकारी से मुलाकात करेंगे।