गाजियाबाद। ब्लैक फंगस को उत्तर प्रदेश में भी महामारी घोषित किया जा चुका है। जिले में लगातार मिल रहे मरीजों को लेकर जिला प्रशासन गंभीर हो गया है। जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय ने शनिवार को निजी और सरकारी अस्पताल के संचालकों के साथ आनलाइन बैठक की। बैठक में उन्होंने बीमारी को लेकर की तैयारियों के बारे में जानकारी ली और समुचित इलाज के प्रबंध करने के निर्देश दिए।
कोरोना संक्रमण के उपरांत अब ब्लैक फंगस के जनपद में मरीज मिलने पर जिला प्रशासन अलर्ट है। जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय ने कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए किए जा रहे उपायों व वर्तमान स्थिति को जानने एवं ब्लैक फंगस महामारी पर अंकुश लगाने तथा संक्रमित व्यक्तियों को इलाज कराने के लिए सरकारी और गैर-सरकारी अस्पतालों के प्रभारियों एवं केमिस्ट और ड्रग एसोसिएशन के पदाधिकारियों के साथ आॅनलाइन समीक्षा बैठक की। इस दौरान उन्होंने कोरोना संक्रमण की रोकथाम, कोरोना की जांच, टीकाकरण, अस्पतालों में बेड की उपलब्धता, आक्सीजन की उपलब्धता, होम आईसोलेशन में मरीजों को लेकर विचार विमर्श करने के साथ-साथ वर्तमान में अब कोरोना संक्रमण के उपरांत ब्लैक फंगस के मरीज मिलने पर गंभीरता के साथ वार्तालाप करते हुए संबंधित अधिकारियों को इस संबंध में आवश्यक दिशा निर्देश दिए। उन्होंने केमिस्ट और ड्रग एसोसिएशन के पदाधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि दवाइयों एवं जीवन रक्षक इंजेक्शन की उपलब्धता निरंतर बनी रहे, जिसके लिए वह मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों को अपने आॅर्डर आवश्यकता अनुसार समय पर भेज दें ताकि औषधियों की आपूर्ति कोविड अस्पतालों को अनिवार्य रूप से की जा सके। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि दवाइयों की उपलब्धता मेडिकल स्टोरों एवं अस्पतालों में आवश्यकतानुसार ही की जाए एवं किसी भी प्रकार की कालाबजारी न होने पाए। उन्होंने औषधि निरीक्षक को निर्देशित किया कि अस्पतालों में बेडों की संख्या के अनुसार दवाइयों की आपूर्ति सुनिश्चित कराई जाए एवं उसका रिकॉर्ड भी रखा जाए ताकि मांगे जाने पर कितनी दवा की बिक्री की गई, कितना स्टाक शेष है, इसकी सूचना उपलब्ध हो सके। औषधि निरीक्षक ने बताया कि कोविड अस्पतालों में बेडों की संख्या के अनुसार ही इस दवा की आपूर्ति की जा रही है। जिलाधिकारी द्वारा औषधि निरीक्षक को निर्देशित किया गया कि यदि किसी दवाई विक्रेता या रिटेलर द्वारा ओवरचार्जिंग/अभाव बताते हुए दवाई उपलब्ध न कराई जाए तो उसके विरुद्ध महामारी अधिनियम के तहत कार्यवाही कराना सुनिश्चित कराएं। इसके लिए जिलाधिकारी द्वारा डिकॉय कस्टमर नियुक्त किए गए हैं जो भ्रमण कर कालाबाजारी पर अंकुश लगाएंगे। बैठक में जिलाधिकारी ने जनपद के समस्त सरकारी और गैर-सरकारी अस्पतालों के प्रभारियों/प्रबन्धकों एवं डाक्टर्स को निर्देशित किया कि जो भी मरीज ब्लैक फंगस संक्रमित आ रहे हैं उनका रूट का एनालिसिस किया जाये कि वह किन कारणों से ब्लैक फंगस संक्रमण की चपेट में आये हैं। कोरोना संक्रमण से ठीक होने वाले लोगों में किन कारणों से ब्लैक फंगस की चपेट में आ रहे हैं, इसका अध्ययन किया जाये, ताकि इससे लोगों को बचाया जा सके। उन्होंने बताया कि डायबिटिक मरीज को ब्लैक फंगस सबसे ज्यादा प्रभावित करता है। अत: डायबिटिक मरीजों को डायबिटिक नियन्त्रण करने के लिए क्या-क्या प्रयास करने चाहिए इसके लिए प्रत्येक स्तर पर कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। जिलाधिकारी द्वारा मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देशित किया गया कि वह तत्काल जनपद के सभी प्राईवेट अस्पतालों जहां ब्लैक फंगस का उपचार किया जा रहा है, का वॉट्सएप ग्रुप बनायें, ताकि सभी डाक्टर्स उसमें इस महामारी से बचाव, दवाइयां, इंजेक्शन व उपाय इत्यादि के सम्बन्ध में जानकारियां आपसे में साझा कर सुगमता से मरीज का ईलाज कर सकें। उन्होंने मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देशित किया कि वह सम्बन्धित डाक्टर्स से इस महामारी का उपचार एवं इससे बचाव के संबंध में जनसामान्य के लिए तत्काल एडवाइजरी तैयार करें। बैठक में नोडल अधिकारी सेंथिल पांडियन सी, अपर जिला अधिकारी नगर, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर एनके गुप्ता, औषधि निरीक्षक अनिरुद्ध, ड्रग्स एसोसिएशन के पदाधिकारी तथा अन्य अधिकारियों के द्वारा आॅनलाइन बैठक में प्रतिभाग किया गया।