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योग शरीर,आत्मा व स्वास्थ्य का गहरा संबंध है: अनिता रेलन

  • योग जीवन जीने की कला सिखाता है: अनिल आर्य
  • गाजियाबाद। केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान में नियमित योगाभ्यास व स्वास्थ्य पर आॅनलाइन गोष्ठी का आयोजन किया गया। योगाचार्या अनिता रेलन ने कहा कि योग, शरीर, आत्मा का स्वास्थ्य से गहरा संबंध है। परमात्मा को पाने का मार्ग भी योग ही है। अब कोरोना काल में सभी चिकित्सकों ने भी योग प्राणायाम के महत्व को स्वीकार किया है। व्यक्ति को 30 मिनट प्रतिदिन योगाभ्यास करना चाहिए। योग शरीर में निहित ऊर्जा के प्रवाह को व्यवस्थित करने तथा उसे ऊर्जस विथ और अधिक शक्तिशाली बनाए रखने की साधना है। व्यक्तिगत चेतनता का सार्वभौमिक चेतनता के साथ एकाकार होना है योग।
    नियमित योग से शारीरिक, मानसिक शक्ति का विकास होता है। स्वस्थ शब्द अपने में स्थित होने को ही उजागर करता है कि अपनी आंतरिक सुंदरता को उजागर करें, नियमित योग दवाइयों का विकल्प है। योग मानवीय संवेदना को समेटने की अद्भुत कला रखता है। योग शरीर मस्तिष्क तथा आत्मा के मध्य संपर्क को नियमित करता है। उन्होंने हट योग को कुछ क्रियाओं के द्वारा भी समझाया पतंजलि योग के आठ सूत्रों जिसे अष्टांग योग के नाम से जाना जाता है जिसमें यम नियम आसन प्राणायाम प्रत्याहार धारणा ध्यान समाधि के बारे में बताते हुए बताया है। जब चेतना अपने आपको इस मेटल से निर्मित शरीर की चिंता से पूर्णत: आजाद कर दें, पूर्ण तरह अपने आपको आजाद महसूस करें तब वह अपने वास्तविक स्वरूप जो आनंद से भरपूर है मिश्रित रहती है। स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन का वास होता है। हमारा शरीर उस कच्चे घड़े की तरह हैं ज्ञानामृत प्राप्त करने के लिए इस घड़े को योग अग्नि में तपकर परिपक्व बनाया जाता है तब शरीर प्राण म्मन की एकता को साध्य कर सकते हैं। मन की एकता को साधने में भूमिका निभाता है। योग बल ही सच्चा बल है,भगवान श्री कृष्ण अर्जुन को कहते हैं तप करने वाले तपस्वी से योगी उत्तम होता है वह ज्ञानी जनों से भी श्रेष्ठ होता है। कर्मकांड से भी श्रेष्ठ होता है अत: अर्जुन तो योगी बन योग बिना ब्याज का कर्ज है जिसे चुकाना भी नहीं पड़ता आइए योग अपनाएं अपना जीवन सुंदर और सफल बनाएं । केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि योग जीवन जीने की कला सिखाता है क्योंकि स्वस्थ व्यक्ति ही सभी सुखों का आनंद ले सकता है। राष्ट्रीय मंत्री प्रवीण आर्य ने कहा कि योग जीवन का आधार है । वैदिक विदुषी चंद्र कांता आर्या(बंगलोर) ने भी योग के महत्व पर प्रकाश डाला और पुरातन ऋषि मुनियों का आभार व्यक्त किया। गायिका रजनी गर्ग, रजनी चुघ,ईश्वर देवी,रेखा गौतम, अशोक गुलाटी,रवीन्द्र गुप्ता, अनुपमा गुप्ता, सुदेश आर्या, विजय लक्ष्मी आर्या,मृदुला अग्रवाल, प्रवीना ठक्कर आदि के मधुर गीत हुए ।

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