नई दिल्ली। बालीवुड नगरी में अपने अभिनय से करोड़ों दर्शकों के दिलों पर राज करने वाले शम्मी कपूर भले ही आज हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनका शर्मिला चेहरा, गाने पर अदायगी और ढलती उम्र में उनकी दमदार आवाज आज भी जिंदा है। पृथ्वीराज कपूर के नाम और शोहरत का उन पर कोई असर नहीं हुआ। सही मायने में तो उनके अंदर स्टार किड्स जैसी फिलिंग ही नहीं थी। अपने डांस के दौरान दिखाई अदाकारी ने फिल्मी दुनिया को नई पहचान दी थी। उनका आज जन्मदिन है। 21 अक्टूबर 1931 को मुंबई में जन्मे शम्मी कपूर अपनी फिल्मों व निजी जिंदगी को लेकर भी खूब चर्चा में रहे हैं। जन्म के बाद पिता पृथ्वीराज कपूर ने उनका नाम शमशेर राजकपूर रखा था जो बाद में शम्मी कपूर हो गया। हीरो बनने से पहले बालीवुड में वे बतौर जूनियर कलाकार थे। पिता पृथ्वीराज कपूर के थियेटर में उन्होंने भी दूसरे लोगों की तरह ही काम किया। वर्ष 1953 में उनकी पहली फिल्म जीवन ज्योति थी। यह फिल्म हिट तो हुई लेकिन इसके बाद शम्मी कपूर की कई फिल्में फ्लाप साबित हुई। पर्दे पर उनकी फिल्मों को पसंद नहीं किया गया। ऐसा नहीं है फिल्मों के फ्लाप होने पर उन्होंने काम करना छोड़ दिया बल्कि फिल्म इंडस्ट्री में वे लगातार काम करते रहे। ज्ीवन ज्योति फिल्म के आठ साल बाद वर्ष 1961 में फिल्म जंगली से शम्मी कपूर को जबरदस्त सफलता मिली थी। इस फिल्म के गाने याहू पर आज भी लोग जमकर झूमते हैं। शम्मी कपूर को हेरोइन मुमताज बहुत पसंद थी। वे शादी करना भी चाहते थे लेकिन मुमताज ने एक ऐसी शर्त रख दी थी जिसके चलते शम्मी कपूर ने उनसे शादी नहीं की। शम्मी कपूर को फिल्म के दौरान गीता बाली से प्यार हो गया था। गीता उम्र में शम्मी से बड़ी थीं। परिवार के खिलाफ जाकर शम्मी कपूर ने गीता से मंदिर में गुपचुप शादी की थी। उनकी मौत के बाद शम्मी ने नीला देवी से शादी की थी। शम्मी आखिरी बार रणबीर कपूर की फिल्म रॉकस्टार में नजर आए थे। शम्मी रणबीर से बहुत प्यार करते थे और ऐसा संजोग भी हुआ कि उनकी फिल्म शम्मी की आखिरी फिल्म साबित हुई। 14 अगस्त 2011 को उनका लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया था। लेकिन उनकी सदाबहार अदाकारी को आज भी लोग याद रखते हैं।
दिवाना मुझसा नहीं…
इस रंग बदलती दुनिया में…इंसान की नीयत ठीक नहीं..
ये चांद सा रोशन चेहरा… तारीक करुं क्या उसकी जिसने तुम्हे बनाया।
आजकल तेरे-मेरे प्यार के चर्चे हर जुबान पर…सबको मालूम है और सबको खबर हो गई।