नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने लखीमपुर खीरी मामले का स्वत: संज्ञान लिया है। मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना, जस्टिस सूर्यकांत व जस्टिस हिमा कोहली की बेंच इस मामले की सुनवाई गुरुवार को करोगी। बता दें कि रविवार को लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा में चार किसानों व एक मीडियाकर्मी समेत नौ लोगों की मौत हुई है। इस मामले को लेकर उत्तर प्रदेश में राजनीति का पारा हाई है। विपक्षी दल सरकार पर हावी हो रहा है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को लंबे समय तक हिरासत में रखा गया। बुधवार को किसी तरह उत्तर प्रदेश सरकार ने विपक्षी दलों के नेताओं को सशर्त लखीमपुर खीरी जाने की इजाजत दी है। उधर, इस पूरे मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लिया। हालांकि इस मामले में मंत्री के पुत्र समेत कई के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है जबकि मंत्री की ओर से भी दूसरे पक्ष के अज्ञात लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है। केन्द्रीय गृहराज्यमंत्री लगातार इस मामले से लगातार पल्ला झाड़ रहे हैं। केन्द्रीय ग़ृह राज्यमंत्री ने बुधवार को अमित शाह से भी मुलाकात की।
बता दें कि दो दिन पहले किसानों की एक अन्य याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी टिप्पणी की थी। कोर्ट ने कहा था कि जब ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं होती हैं, तो कोई भी जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं होता है। प्रदर्शनकारी दावा तो करते हैं कि उनका प्रदर्शन शांतिपूर्ण है, लेकिन जब वहां हिंसा होती है तो कोई जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार नहीं होता। वहीं केंद्र की तरफ से पेश अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि लखीमपुर खीरी जैसी घटनाओं को रोकने के लिए किसानों के विरोध-प्रदर्शन पर तुरंत रोक लगाने की जरूरत है। अब लखीमपुर खीरी की घटना को लेकर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा।