ऊंट चाहे खुद को कितना ऊंचा समझता रहे, चाहे कितनी गर्दन ऊपर उचका-उचका कर चलता रहे, लेकिन एक दिन ऐसा जरूर आता है जब वो किसी पहाड़ के नीचे आता ही आता है। माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने केन्द्र सरकार की नाक के बाल बने गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा उर्फ टेनी के पुत्र आशीष मिश्रा की उच्च न्यायालय से मंजूर की गई जमानत को रदद कर दिया है। उसे स्थानीय अदालत में आत्मसमर्पण करने के आदेश दिए हैं। मंत्री महोदय के पुत्र आशीष मिश्रा को लखीमपुर खीरी में हुए किसानों के हत्याकांड का मुख्य आरोपी मानते हुए गिरफ्तार किया गया था। वहां की स्थानीय पुलिस ने किसानों की हत्याओं के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा को न केवल वीआईपी ट्रीटमेंट दिया बल्कि चार्जशीट में कई तरह की खामियां भी छोड़ते हुए उसे अदालत में पेश किया और निचली अदालत में जमानत रदद होने के बाद उस कमजोर चार्जशीट के चलते उच्च न्यायालय से उसे जल्द ही जमानत मिल गई। लेकिन आज सुबह हाईकोर्ट के इस जमानत मंजूरी के आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने कड़ा रुख अपनाया और दी गई जमानत को रदद करते हुए आरोपी को फिर से संबंधित निचली अदालत में पेश होने के आदेश दिए हैं। माननीय सर्वोच्च न्यायालय के इस सराहनीय कदम की आज पूरे देश में प्रशंसा की जा रही है। वो मीडिया चैनल चिल्ला-चिल्लाकर किसानों के हत्यारे केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा के पुत्र की जमानत की बड़ी-बड़ी खबरें प्रसारित कर रहे थे आज सुबह सर्वोच्च न्यायालय के इस आदेश के आने के बाद उन सबकी बोलती बंद सी हो गई है। इस बड़ी खबर पर टिप्पणी करना तो दूर वो इस खबर की चर्चा भी औपचारिकता मात्र ही कर रहे हैं। माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने यह साबित कर दिया कि देश में सियासी व्यवस्था और उससे जुड़े सियासी नेता चाहे कितने प्रभावशाली हों देश के संविधान के आगे वो मात्र बौने हैं। हालांकि अभी तक केन्द्र सरकार ने इस बड़े आदेश के आने के बाद अपने गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाया है जबकि हत्याकांड से जुड़ी पुलिस रिपोर्ट में केन्द्रीय गृहराज्य मंत्री का नाम भी साजिशकर्ता के रूप में जोड़कर दर्ज किया गया है। केन्द्र सरकार सर्वोच्च न्यायालय के इस आदेश को सम्मान देते हुए अपने स्तर से कोई कार्रवाई करती है या नहीं करती है उस पर आज पूरे देश की नजर लगी हुई है। लेकिन माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने अपने आज के इस आदेश से जहां एक ओर देश की जनता में अपने प्रति विश्वास को जागृत रखा है वहीं यह संदेश भी दे दिया है कि अपराधी चाहे कितना बड़ा और रसूखदार क्यों न हो देश के कानून से बड़ा नहीं हो सकता।