- अंशकालिक अनुदेशकों को 2 व रसोइयों के मानदेय में 500 रुपए की वृद्धि
- रसोइयों को वर्ष में 2 साड़ी तथा एप्रन व हेडकैप का पैसा
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बेसिक शिक्षा विभाग में कार्यरत अंशकालिक अनुदेशकों के मानदेय में दो हजार रुपये तथा रसोइयों के मानदेय में 500 रुपये वृद्धि की घोषणा की। इसके साथ ही रसोइयों को वर्ष में दो साड़ी तथा एप्रन व हेडकैप का पैसा सीधे उनके खाते में देने की व्यवस्था बेसिक शिक्षा परिषद करेगा। साथ ही, रसोइयों को आयुष्मान भारत योजना या मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के अन्तर्गत 5 लाख रुपये के स्वास्थ्य बीमा कवर से जोड़े जाने की भी घोषणा की। इस घोषणा के माध्यम से 27 हजार 546 अनुदेशक व 3 लाख 78 हजार रसोइयां लाभान्वित होंगी।
मुख्यमंत्री यहां बेसिक शिक्षा विभाग में कार्यरत रसोइयों तथा अंशकालिक अनुदेशकों के साथ संवाद कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अब रसोइयों को मनमाने ढंग से नहीं निकाला जा सकेगा। अब इस सम्बन्ध में एक जांच टीम गठित की जाएगी, जिसके आधार पर निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि रसोइयों के सेवा नवीनीकरण के लिए सम्बन्धित विद्यालय में उसके पाल्य के होने की बाध्यता पर विचार किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में अंशकालिक अनुदेशकों की सेवाओं को कैसे और बेहतर बनाया जा सकता है और उसे कैसे अच्छे ढंग से आगे बढ़ाया जा सकता है, जिससे उनके पास जॉब की गारंटी हो सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि विगत साढ़े चार वर्षों में बेसिक शिक्षा विभाग व अन्य विभागों में हुए परिवर्तन ने प्रदेश के प्रति लोगों की धारणाएं बदली हैं। यह एक व्यक्ति का नहीं बल्कि सामूहिक प्रयास का फल है। उन्होंने कहा कि रसोइयों व अनुदेशकों ने सराहनीय कार्य किया है। वर्ष 2017 से पहले बेसिक शिक्षा के स्कूल बन्दी की कगार पर थे, वहीं वर्तमान सरकार के सत्ता में आने के बाद राज्य सरकार ने स्कूल चलो का विशेष अभियान प्रारम्भ किया था। इसमें बेसिक शिक्षा से जुड़े शिक्षकों व आमजन के सहयोग से विद्यार्थियों के परिवारों से सम्पर्क स्थापित किया गया, जिसका परिणाम रहा कि पिछले साढ़े चार वर्षों में 54 लाख नये विद्यार्थियों ने नामांकन कराया। उन्होंने कहा कि 54 लाख नये विद्यार्थियों की संख्या बढ़ाने में शिक्षकों, अनुदेशकों व रसोइयों का बड़ा योगदान रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्कूल लोगों के विश्वास के प्रतीक बने हैं। आपरेशन कायाकल्प उत्तर प्रदेश का एक बेहतरीन प्रयोग रहा है। आॅपरेशन कायाकल्प को जनसहभागिता से जोड़ा गया, जिससे प्रत्येक स्कूल को सांसद, विधायक, प्रधान, शिक्षक, पुलिस, अधिकारी गोद लेकर उस स्कूल का समुचित विकास किया गया। इसके तहत आज जनसहभागिता के माध्यम से प्रदेश के 1,56,000 विद्यालयों में से 1,30,000 विद्यालयों का कायाकल्प हो गया है। अब इन विद्यालयों में बेहतर अवस्थापना सुविधाएं उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने महसूस किया कि 75 फीसदी बालिकाएं व लगभग 40 फीसदी बालक नंगे पैर स्कूल जाते थे। इसलिए वर्तमान सरकार ने निर्णय लिया कि सभी विद्यार्थियों को नि:शुल्क 2 यूनीफॉर्म, बैग, किताब, जूता-मोजा, स्वेटर भी उपलब्ध कराया। वर्तमान में प्रदेश में एक करोड़ 82 लाख बच्चों को यह सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के कारण सरकार ने जूता-मोजा, यूनीफॉर्म, स्वेटर व बैग खरीदने हेतु अभिभावकों के खाते में 1,100 रुपये की धनराशि देने की कार्यवाही को आगे बढ़ाया है।
प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा दीपक कुमार ने सभी के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव सूचना एवं एमएसएमई नवनीत सहगल, सचिव बेसिक शिक्षा अनामिका सिंह सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।