- स्वास्थ्य एवं पोषण की जानकारी के लिए हर माह होगा पोषण पाठशाला का आयोजन
गाजियाबाद। जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह के निर्देशन में जनपद में तृतीय पोषण पाठशाला का आयोजन किया गया। उत्तर प्रदेश सरकार की मंत्री (बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग) बेबी रानी मौर्य द्वारा पोषण पाठशाला का शुभारम्भ किया गया। प्रमुख सचिव (महिला एवं बाल विकास एवं पुष्टाहार) अनामिका सिंह ने अगवत कराया कि प्रत्येक माह पोषण पाठशाला का आयोजन किया जाएगा, जिसमें महिलाओं एवं बच्चों के स्वास्थ्य, पोषण एवं कुपोषण से बचाव की जानकारी दी जाएगी। पोषण पाठशाला का प्रसारण राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र (एनआईसी0) द्वारा वेबकास्ट के रूप में प्रसारित किया गया।
सही समय पर ऊपरी आहार की शुरूआत” विषय पर आयोजित पोषण पाठशाला में पोषण तथा स्वास्थ्य मुद्दों पर सामुदायिक जागरूकता लाने एवं उसमें सुधार हेतु विशेषज्ञों ने पोषण के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। विशेषज्ञों ने बताया कि एक वर्ष तक के बच्चों के आहार में नमक और दो वर्ष तक के बच्चों के आहार में मीठा न सम्मिलत करें। पोषण पाठशाला का लाइव प्रसारण एनआईसी सभागार के अलावा समस्त आंगनबाड़ी केंद्रों पर भी देखा गया। बाल विकास परियोजना अधिकारियों, मुख्य सेविकाओं और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के साथ लाभार्थियों ने भी विशेषज्ञों संबोधन का लाभ उठाया।
जिला कार्यक्रम अधिकारी शशि वार्ष्णेय ने बताया प्रथम पोषण पाठशाला का आयोजन 26 मई, 2022 को “शीघ्र स्तनपान-केवल स्तनपान” थीम पर किया गया था। इसके बाद द्वितीय पोषण पाठशाला का आयोजन 13 जुलाई, 2022 को और फिर तृतीय पोषण पाठशाला का आयोजन बृहस्पतिवार को ह्लसही समय पर ऊपरी आहार की शुरूआतह्व विषय पर किया गया। उन्होंने बताया पोषण पाठशाला के दौरान एनआईसी के साथ ही शासन स्तर से निर्धारित वेब लिंक के माध्यम से आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा और मुख्य सेविकाओं के साथ-साथ स्थानीय गर्भवती और धात्री महिलाओं ने भी आंगनबाड़ी केंद्र पहुंचकर ऊपरी आहार दिए जाने के सही समय और तरीके के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त की। जनपद में संचालित सभी 1316 आंगनबाड़ी केन्द्रों पर लगभग 30 हजार महिलाओं को बच्चों के सुपोषित बचपन हेतु छह माह के बाद ऊपरी आहार की शुरूआत के लिए प्रेरित किया गया।
विशेषज्ञों के द्वारा आहार लेने का तरीका, आहार लेने के समय के बारे में जागरूक किया गया। साथ ही विशेषज्ञों द्वारा अभिभावकों को विभिन्न समस्याओं और शंकाओं का समाधान भी कराया गया। पोषण पाठशाला में पोषण विशेषज्ञ डा. दीपाली फर्गडे ने बताया एक वर्ष तक के बच्चों के आहार में नमक एवं दो वर्ष तक के बच्चों के आहार में मीठा सम्मिलित न करें। छह माह की आयु पूरी कर चुके बच्चों को सुबह और शाम एक-एक बड़ा चमचा मसला हुआ आहार दें। समय के साथ इसे बढ़ाते जाएं और साथ ही गाढ़ा भी करते जाएं। आहार में विविधता बनाए रखें। बच्चों के आहार में सात तरह के खाद्य प्रदार्थ को सम्मिलित करना चाहिए, खिचड़ी एक पूर्ण आहार है।