- 8163 मीटर की खतरनाक चोटी है माउंट मनालु
- बिना आक्सीजन के ही फतह करने की है ठानी
गाजियाबाद। नगर निगम के ब्रांड अंबेसडर एवं जांबाज पर्वतारोही सागर कसाना ने इस बार कड़ी चुनौती भरा फैसला लिया है। सागर कसाना दिल्ली से काठमांडू (नेपाल) के माउंट मनास्लु की चोटी को बिना आॅक्सीजन फतह करने के लिए रवाना हो गए हैं। सागर कसाना ने कहा की देश दुनिया में बहुत ही ऐसे कम पर्वतारोही है जिन्होंने 8000 मीटर की चोटी को बिना आॅक्सीजन के फतह किया हो। अगर सागर कसाना बिना आॅक्सीजन के माउंट मनास्लु की चोटी को फतह कर लेते हैं तो वह ऐसा करने वाले हिंदुस्तान के सबसे युवा पर्वतारोही बन जाएंगे।
बता दें कि माउंट मनास्लु दुनिया का आठवां सबसे ऊंचा पर्वत है जिसकी ऊंचाई 8163 मीटर है, यानी 26781 फुट की ऊंचाई पर है जो मध्य उत्तर नेपाल के गोरखा और मनाश्री हिमाल जो कि नेपाली हिमालय के अंतर्गत आता है। सागर कसाना ने बताया कि पर्वतारोहण के दौरान प्रकृति की चुनौतियों से जूझना, नुकीली बर्फ, फिसलन, भूस्खलन, बर्फीला तूफान, करवास, कम आॅक्सीजन और भूख -प्यास का भी सामना करना पड़ता है। जहां पल-पल मौत से सामना होता है परंतु आत्मशक्ति और धैर्य और शारीरिक ताकत इन सभी खतरनाक चुनौतियों से मुकाबला करने की हिम्मत देती है। सागर कसाना ने बताया कि मेरे देश का तिरंगा मेरे साथ रहता है। उसे चोटी पर फहराने के लिए मेरा जोश वह हौसला भी बुलंदी पर रहता है।
पर्वतारोही सागर कसाना ने इस अभियान से पहले जम्मू कश्मीर, लेह लद्दाख, हिमाचल प्रदेश,अरुणाचल प्रदेश, उत्तराखंड के ग्लेशियर व पर्वत शिखरों पर तिरंगा फहरा चुके हैं और इसके साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अफ्रीका खंड, यूरोप खंड और दुनिया के सबसे ऊंचे पर्वत माउंट एवरेस्ट पर भी देश का तिरंगा फहरा चुके हैं। उनको उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ राज्यस्तरीय स्वामी विवेकानंद यूथ अवार्ड पुरस्कार से भी सम्मानित कर चुके हैं। वह गाजियाबाद नगर निगम के स्वच्छ भारत अभियान के ब्रांड अंबेसडर एवं गाजियाबाद के यूथ आइकन भी हैं।