अध्यात्मलेटेस्टस्लाइडर

Hariyali Amavasya: सावन महीने में बहुत सारे पर्व का आगमन होता, इन्हीं में से एक पर्व सावन अमावस्या है

नई दिल्ली। सावन महीने में बहुत सारे पर्व का आगमन होता है। इन्हीं में से एक पर्व सावन अमावस्या है। सावन मास में होने की वजह से इसका नाम हरियाली अमावस्या पड़ा है। पुराणों के अनुसार प्रत्येक मास में पड़ने वाले अमावस्या के दिन पितरों की आत्मा की शांति और उन्हें खुश करने के लिए व्रत रखा जाता है। सावन अमावस्या 8 अगस्त दिन रविवार के मनाया जाएगा। इस दिन पवित्र नदी में स्नान करके पितरों को पिंडदान, श्राद्ध कर्म किया जाता है। आइये जानते हैं सावन अमावस्या के बारे में-

हरियाली अमावस्या के दिन सूर्योदय से पहले उठकर किसी पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए। स्नान के बाद पूजा करें और व्रत का संकल्प करें। इसके पश्चात भगवान सूर्य को अर्ध्य देते हुए अपने पितरों को याद करें। इस दिन पितरों संबंधित कार्य करें। इस दिन पितरों के नाम पर दान और धर्म का कार्य करें। दान जरूरतमंद को करें। इस दिन भगवान विष्णु और शंकर की पूजा अवश्य करें। कोशिश करें की पूरा दिन सात्विक हो किसी भी तरह के पाप से बचें।

श्रावण मास का हर दिन महत्वपूर्ण होता है। इसका हर दिन भगवान शिव की आराधना के लिए समर्पित है। श्रावण मास की शिवरात्रि के अगले दिन 15वीं तिथि को श्रावण अमावस्या कहा जाता है। श्रावण अमावस्या के दिन नदी स्नान और दान का बड़ा महत्व है। अमावस्या के दिन पितरों को खुश करने के लिए पिंडदान, तर्पण, श्राद्ध कर्म किए जाते हैं। इस वर्ष श्रावण अमावस्या आज08 अगस्त दिन रविवार को है। श्रावण अमावस्या को हरियाली अमावस्या भी कहते हैं क्योंकि इस समय में हर ओर बारिश होती है और पृथ्वी पर हरियाली रहती है।

श्रावण अमावस्या के दिन स्नान और दान के अलावा भी महत्वपूर्ण कार्य किए जाते हैं। इस दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए दान, पूजा पाठ, ब्रह्मणों को भोजन आदि कराना चाहिए। हरियाली अमावस्या के दिन पेड़ की पूजा की जाती है। इस दिन विशेष रुप से पीपल और तुलसी के पौधे की पूजा करते हैं। पीपल के पेड़ में त्रिदेव ब्रह्मा, विष्णु और महेश का वास माना जाता है। पूजा के बाद एक पेड़ लगाने का भी विधान है। प्रत्येक वर्ष हरियाली अमावस्या पर एक पेड़ लगाना चाहिए।

हरियाली अमावस्या के ​दिन विशेष तौर पर आम, आंवला, पीपल, बरगद और नीम के पौधे लगाने चाहिए। हरियाली अमावस्या पर्यावरण संरक्षण का संदेश देती है। अपने पर्यावरण की सुरक्षा के लिए वृक्षों को बचाएं और पृथ्वी को हरा भरा रखें।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button