गाजियाबाद। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) भारतीय अर्थव्यवस्था का बेहद जीवंत और गतिशील क्षेत्र है। लघु इकाइयों को और मजबूत करने और उन्हें कार्य करने में आ रही व्यवहारिक दिक्कतों को दूर करने के लिए प्रमुख संस्था गाजियाबाद मैनेजमेंट एसोसिएशन अहम भूमिका निभा रही है। गाजियाबाद मैनेजमेंट एसोसिएशन के तत्वावधान में फार्च्यून होटल में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम के संचालकों, मिनिस्ट्री के अधिकारियों और बिजनेस एक्सपर्ट की संगोष्ठी आयोजित की गई। इस संगोष्ठी में उद्यमियों ने जहां कारोबार करने में आ रही दिक्कतों पर चर्चा की वहीं एमएसएमई को लेकर भारत सरकार की योजनाओं और समस्याओं के समधान को लेकर महत्वपूर्ण जानकारियां दी गई। भारत सरकार के एमएसएमई विभाग के वरिष्ठ अधिकारी एवं प्रमुख उद्यमियों ने इस संगोष्ठी में अपना वक्तव्य दिया। बिजनेस एक्सपर्ट ने भी कुछ सुझाव रखे जिन पर गहनता से विचार किया गया। संगोष्ठी के मुख्स वक्ता भारत सरकार के एमएसएमई विभाग के सहायक निदेशक डीएस तोमर,कोटक महेन्द्रा बैंक के सीनियर वाइस प्रेसीडेंट अमित अग्रवाल, ईएनवाई के निदेशक डा. सुखपाल सिंह रहे। संगोष्ठी के मुख्य अतिथि श्रीराम पिस्टंस के डिप्टी एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर धर्मेन्द्र कुमार रहे। संगोष्ठी में एमएसएमई इकाइयों को बैंकों द्वारा किसी तरह वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है, वित्तीय सहायता के दौरान आने वाली कठिनाइयों के निदान, विभिन्न विभागों के एनओसी आदि पर विस्तार से चर्चा की गई। एमएसएमई विभाग के सहायक निदेशक डीएस तोमर ने उद्यमियों की प्रत्येक बात को गंभीरता से सुनकर उनका निराकरण करने का तरीका बताया साथ ही कहा कि उद्यमियों के साथ हमेशा उनका विभाग खड़ा है, किसी भी उद्यमी को यदि कोई परेशानी आती है तो उसका तत्काल समाधान किए जाने का प्रयास किया जाता है। उन्होंने उद्यमियों को आश्वस्त किया कि भारत को विकसित देश बनाने में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों का बहुत बड़ा योगदान साबित होगा। कोटक महेन्द्र के सीनियर वाइस प्रेजीडेंट अमित अग्रवाल ने कहा कि एमएसएमई इकाइयों को बैंकों द्वारा वित्तीय सहायता प्रदान में कोई ढिलाई नहीं बरती जाती है बल्कि आसान तरीके से वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है। उनके बैंक द्वारा भी बड़ी संख्या में इकाइयों को ऋण प्रदान किया गया है। आवेदनों को लंबित रखने का कोई कारण होता ही नहीं है, यदि होता है तो बैंक के प्रतिनिधि उद्यमियों के परस्पर सहयोग से उस समस्या का निस्तारण कराते हैं। ईवाईएस के निदेशक डा. सुखपाल सिंह ने इकाइयों में जीएसटी व इनकम टैक्स, स्टॉक, माल आयाता व निर्यात को लेकर आने वाले व्यवहारिक दिक्कतों के बारे में जानकारी देते हुए उनके निराकरण का तरीका भी बताया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री राम पिस्टंस के डिप्टी एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर धर्मेन्द्र कुमार ने इस आयोजन के लिए जीएमए की प्रशंसा की और कहा कि वास्तव में गाजियाबाद मैनेजमेंट एसोसिएशन उद्योगों और उद्यमियों के लिए टॉनिक का काम करती है। जीएमए के कुशल मार्गदर्शन और दूरदृष्टि का ही परिणाम है कि गाजियाबाद में उद्योग तेज गति से आगे बढ़ रहे हैं और कमजोर इकाइयों को फिर से उठाने की मुहिम रंग ला रही है। संगोष्ठी में बड़ी संख्या में उद्यमियों ने भाग लिया। संगोष्ठी के अंत में धन्यवाद प्रस्ताव सीए एवं जीएमए के वाइस प्रेसीडेंट अनिल अग्रवाल ने दिया जबकि संचालन जीएमए के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर राहुल अग्रवाल ने किया। इस मौके पर प्रमुख रूप से उद्यमी अरुण अग्रवाल, जीएमए के अध्यक्ष एसके तिवारी, सीए शशि कमल अग्रवाल, जीएमए के भूतपूर्व ईडी विनय अग्रवाल मौजूद रहे।