- साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई स्टेशन जल्द हो जाएंगे तैयार
गाजियाबाद। प्रायोरिटी सेक्शन में विद्युत ओएचई का विद्युतीकरण (चार्ज) अक्तूबर माह से आरंभ होने वाला है। इसके अंतर्गत आरआरटीएस ट्रैक के ऊपर लगाए जा रहे ओवर हेड इक्विपमेंट (ओएचई) का, 25000 वोल्ट की क्षमता के साथ विद्युतीकरण (चार्ज) किया जाएगा। प्रायोरिटी सेक्शन में ओवर हेड इक्विपमेंट (ओएचई) लगाने का कार्य तेजी से चल रहा है।
प्रायोरिटी सेक्शन में विद्युतीकरण की प्रक्रिया के तहत साहिबाबाद आरआरटीएस स्टेशन से लेकर दुहाई डिपो तक ओएचई का विद्युतीकरण किया जाएगा। दुहाई डिपो में ट्रेनों की स्टेटिक और डायनामिक टेस्टिंग के लिए आईबीएल (इंस्पेक्शन बे लाइन) और टेस्ट ट्रैक को पहले ही चार्ज किया जा चुका है। इसके साथ ही सम्पूर्ण प्रायोरिटी सेक्शन से कनेक्ट करने की तैयारी की जा रही है।
हाल ही में गुजरात के सावली से दूसरी आरआरटीएस ट्रेन दुहाई डिपो में पहुंची हैं, जबकि पहली ट्रेन जून में आई थी जिसकी स्टैटिक और डायनेमिक टेस्टिंग की जा रही है। अब दोनों ट्रेनो की टेस्टिंग को आगे बढ़ाया जा रहा है। प्रायोरिटी सेक्शन के संचालन के लिए विद्युत आपूर्ति हेतु उत्तर प्रदेश में उत्तर प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन लिमिटेड (यूपीटीसीएल) से करार किया गया है। यूपीटीसीएल के सबस्टेशन ग्रिड से 220 केवी बिजली एनसीआरटीसी के गाजियाबाद स्थित विद्युत सब स्टेशन तक आ रही है और यहां से 25केवी की बिजली ट्रेनों के संचालन के लिए और 33 केवी की बिजली आरआरटीएस स्टेशनों की समस्त जरुरतों के लिए इस्तेमाल की जाएगी। प्रायोरिटी सेक्शन में विद्युत आपूर्ति के लिए गाजियाबाद में रिसीविंग सब-स्टेशन (आरएसएस) बनाया गया है। इस आरएसएस में 50 मेगावाट की क्षमता के ट्रांसफार्मर्स लगाए गए हैं। इन सभी ट्रांसफार्मर्स की टेस्टिंग आदि पूर्ण कर ली गई है। यहीं से दुहाई डिपो में विद्युत आपूर्ति की जा रही है। अब यह आरएसएस कॉरिडोर पर विद्युत आपूर्ति के लिए भी तैयार है। इन सक्रिय आईबीएल लाइनों में विद्युत आपूर्ति इसे एक उच्च जोखिम क्षेत्र बना देती है। एनसीआरटीसी ने डिपो में काम करने वाले और उसके आसपास रहने वाले लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सूचना प्रसारित की है कि कोई भी अनाधिकृत व्यक्ति चार्ज्ड ओवरहेड लाइनों के निकट या आस-पास प्रवेश या कोई कार्य नहीं करेगा।
प्रायोरिटी सेक्शन में साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई और दुहाई डिपो स्टेशन हैं। सभी स्टेशन जल्द तैयार होने वाले हैं। विश्वस्तरीय आरआरटीएस ट्रेनों के संचालन के लिए प्रायोरिटी सेक्शन लगभग तैयार हो चुका है। वर्तमान में यहां स्टेशनों की रूफ शेड लगाने, प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर्स (पीएसडी) लगाने और स्टेशनों की फिनिशिंग का कार्य प्रारम्भ हो चुका है, जबकि यहां ट्रैक बिछाने, ओएचई, सिग्नलिंग और टेलिकॉम का कार्य अंतिम चरण में है। प्रायोरिटी सेक्शन में मार्च 2023 में आरआरटीएस की पहली ट्रेन चलाने का लक्ष्य है।
उल्लेखनीय है कि 82 किमी लंबे दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर पर 25 स्टेशन हैं और एनसीआरटीसी पूरे कॉरिडोर पर 2025 तक ट्रेनों का संचालन शुरू करने के लक्ष्य पर कार्य कर रही है। दिल्ली से मेरठ के बीच आरआरटीएस कॉरिडोर पर विद्युत आपूर्ति के लिए दिल्ली के सराय काले खां, गाजियाबाद, मुरादनगर और मेरठ के शताब्दीनगर व मोदीपुरम में पाँच आरएसएस स्थापित किये जा रहे हैं। एनसीआरटीसी अपने सभी विद्युत सब स्टेशन को इंडियन ग्रीन बिल्डिंग कॉउन्सिल (आईजीबीसी) के मानकों के अनुसार तैयार कर रहा है जिसमें रेन वाटर हार्वेस्टिंग, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट, हरित क्षेत्र, एलईडी बल्ब, प्राकृतिक रौशनी और हवा आने लायक बिल्डिंग आदि शामिल हैं।