- यूपी में शहरीकरण की व्यापक सम्भावनाएं: मुख्यमंत्री
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान में दो दिवसीय नेशनल अर्बन प्लानिंग एण्ड मैनेजमेण्ट कॉन्क्लेव-2022 का शुभारम्भ किया। यह कॉन्क्लेव उत्तर प्रदेश सरकार तथा आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा गठित उच्चस्तरीय समिति (एचएलसी) द्वारा आयोजित किया जा रहा है। इस अवसर पर कॉन्क्लेव को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में शहरीकरण की व्यापक सम्भावनाएं विद्यमान हैं। शहरी नियोजन आज की आवश्यकता है। प्रत्येक नागरिक को बुनियादी सुविधाएं प्राप्त करने का अधिकार है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में देश को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में उत्तर प्रदेश का प्रमुख योगदान जरूरी है और उत्तर प्रदेश को 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का प्रदेश बनना होगा। इसके लिए नियोजित शहरीकरण महती आवश्यकता है। ईज आफ लिविंग एवं इकोनॉमिक ग्रोथ को बढ़ाने के लिए व्यवस्थित रूप से तय लक्ष्यों के साथ शहरीकरण को बढ़ावा देना होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विगत 8 वर्षों में प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश में शहरी विकास एवं नियोजित शहरीकरण की दिशा में अनेक कार्यक्रम प्रारम्भ हुए हैं। विगत साढ़े पांच वर्षों में प्रदेश सरकार ने राज्य में शहरीकरण की गति को तेज किया है। नियोजित शहरीकरण की दिशा में विभिन्न कार्ययोजनाओं को सम्पादित किया जा रहा है। आत्मनिर्भरता के लक्ष्यों को प्राप्त करने हेतु सफल प्रयास किए जा रहे हैं। विगत 5 वर्षों में प्रदेश में 100 से अधिक नए स्थानीय निकायों का गठन किया गया है। केन्द्र सरकार द्वारा स्मार्ट सिटी मिशन के अन्तर्गत देश के 100 शहरों को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित किया जा रहा है, जिसमें उत्तर प्रदेश के 10 शहर शामिल हैं। राज्य सरकार अपने प्रयासों से कन्वर्जेन्स के माध्यम से शेष 7 नगर निकायों को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित कर रही है। प्रदेश के 60 शहरों में अमृत योजना के तहत नगरीय आधारभूत सुविधाएं विकसित की जा रही हैं। शेष अन्य शहरों के विकास के लिए राज्य सरकार अपने स्तर से भी प्रयास कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक शहरी निकायों में मेट्रो रेल का संचालन किया जा रहा है। वर्तमान में प्रदेश के 5 शहरों में मेट्रो रेल संचालित है। आगरा में मेट्रो रेल के विकास का कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। प्रदेश के नगरीय निकायों में आवासित आबादी को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराना राज्य सरकार की प्रतिबद्धता है। भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखकर योजनाएं बनायी जाएं। शहरी विकास एवं आर्थिक विकास एक-दूसरे के पूरक हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास प्राधिकरणों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि किसी भी हालत में अवैध एवं अनियोजित शहरीकरण में वृद्धि न हो। लोगों को स्वच्छ पेयजल, ड्रेनेज, अच्छी सड़कें एवं आवागमन के साधन, स्ट्रीट लाइट, बेहतर शिक्षण संस्थान तथा स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ प्राप्त हो। हमारे शहर अपने आप में आत्मनिर्भर हों तथा ईज आॅफ लिविंग उत्कृष्ट हो। विकास प्राधिकरण बेहतर योजनाओं के माध्यम से आत्मनिर्भरता की ओर आगे बढ़ें तथा शासन पर निर्भरता कम करें। उत्तर प्रदेश ने नगर विकास के विभिन्न मॉडल देश को दिए हैं। शहरी विकास एवं प्रबन्धन की दिशा में यह कॉन्क्लेव अत्यन्त उपयोगी साबित हो सकता है। कॉन्क्लेव में प्राप्त सुझावों को नियोजित शहरीकरण हेतु स्वीकार किया जाए तथा स्थानीय विकास प्राधिकरण अपने यहां इन सुझावों पर कार्य भी करें। उन्होंने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश के समन्वित विकास हेतु यह कॉन्क्लेव एक ठोस कार्ययोजना बनाने में सफल होगा।
इससे पूर्व, मुख्यमंत्री जी ने विभिन्न विकास प्राधिकरणों द्वारा आयोजित प्रदर्शनी का अवलोकन किया। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए नगर विकास मंत्री अरविन्द कुमार शर्मा ने कहा कि विगत साढ़े पांच वर्षों में प्रदेश में नियोजित शहरीकरण बढ़ा है। स्मार्ट सिटी मिशन, स्वच्छ भारत मिशन तथा जल जीवन मिशन के माध्यम से उल्लेखनीय कार्य हुए हैं। शहरीकरण मूलत: नियोजन पर निर्भर है। क्वालिटी आॅफ लाइफ को बेहतर करने के लिए प्रदेश में युद्धस्तर पर कार्य किए जा रहे हैं। सभी शहरी निकायों द्वारा अपने कार्यों में डिजिटलाइजेशन को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसी दिशा में सुगम पोर्टल प्रारम्भ किया गया है। अन्तर्विभागीय समन्वय के माध्यम से नगर विकास से सम्बन्धित सभी विकास कार्य सम्पादित किए जा रहे हैं। इस अवसर पर कृषि उत्पादन आयुक्त मनोज कुमार सिंह, एचएलसी के अध्यक्ष श्री केशव वर्मा, प्रमुख सचिव आवास एवं शहरी नियोजन नितिन रमेश गोकर्ण, प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात, आवास आयुक्त रणवीर प्रसाद, सचिव नगर विकास रंजन कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।