नई दिल्ली। अपने अभिनय से फिल्मी जगत में अलग मुकाम हासिल करने वाली खूबसूरत अदाकारा आशा पारेख को दादा साहब फाल्के पुरस्कार से नवाजा जाएगा। केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने दादा साहब फाल्के पुरस्कार के लिए आशा पारेख का नाम घोषित किया। देश की आजादी के सात साल बाद ही बच्चे के अभिनय के तौर पर वर्ष 1952 में फिल्मी करियर की शुरूआत करने वालीं आशा पारेख ने उम्र के इस पड़ाव तक आते-आते शादी नहीं की। गुजरात में जन्मीं आशा पारेख एक मध्यम वर्गीय परिवार से थीं। आशा पारेख की बतौर फिल्म अभिनेत्री उनकी पहली फिल्म दिल देके देखो थी। यह फिल्म सुपर डूपर रही। दर्शकों ने इस फिल्म में किए गए आशा पारेख के अभिनय की खूब प्रशंसा की। इसके बाद आशा पारेख ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और फिल्मी दुनिया का नायाब हीरा बन गर्इं। उनकी सुदंरता के चर्चे भी खूब होते थे। फिल्म अभिनेता आमिर खान के पिता नासिर हुसैन से उनके नजदीकी संबंध होने के चर्च खूब हुए लेकिन उन्होंने शादी नहीं की। जब प्यार किसी से होता है, घराना, भरोसा, मेरे सनम, तीसरी मंजिल, दो बदन, उपकार, शिकार, साजन, आन मिलो सजना आदि फिल्मों ने सिनेमाघरों में खूब धूम मचाई थी।