लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि कृषकों की आय को दोगुना करना राज्य सरकार की प्राथमिकता है। इसके लिए कृषि, उद्यान, खाद्य प्रसंस्करण, गन्ना, दुग्ध विकास, मण्डी, मत्स्य एवं अन्य सम्बन्धित विभागों द्वारा अंतर्विभागीय कन्वर्जेन्स के माध्यम से तेजी से कार्य सुनिश्चित किए जाएं। उन्होंने कहा कि कृषि एवं सहवर्ती क्षेत्रों में रोजगार अवसरों में वृद्धि तथा राज्य के प्रत्येक विकास खण्ड में कृषक उत्पादक संगठनों के गठन की प्रक्रिया में तेजी लायी जाए।
आत्मनिर्भर कृषक समन्वित विकास योजना के प्रस्तुतीकरण अवसर पर अधिकारियों को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर कृषक समन्वित विकास योजना के सम्बन्ध में सम्यक विचार करते हुए शीघ्र प्रस्ताव प्रस्तुत किए जाएं। राज्य सरकार द्वारा प्रत्येक विकास खण्ड में एक एफपीओ के गठन का लक्ष्य रखा गया है। इस दिशा में कार्यवाही किए जाने के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि कोल्ड स्टोरेज के निर्माण तथा कृषि उत्पादन में तकनीक के इस्तेमाल से कृषकों की आय में वृद्धि होगी।
जैविक खेती को बढ़ावा देते हुए कृषि उत्पादों के परिवहन तथा रख-रखाव पर विशेष ध्यान दिया जाए। कृषि सहकारी समितियों के माध्यम से कृषकों को कृषि इनपुट्स की समयबद्ध आपूर्ति करने तथा कृषि उत्पादों के विपणन में सहयोग दिया जाए। कृषक उद्यमियों के लिए कृषि उत्पादन के भण्डारण, परिवहन तथा विपणन नेटवर्क की स्थापना की जाए। आॅर्गेनिक खेती हेतु बायो इस्टुमुलेन्ट उत्पादन एवं कृषि अपशिष्टों से कम्प्रेस्ड बायो गैस उत्पादन हेतु सुविधाएं विकसित की जाएं। मण्डियों में सब्जियों के भण्डारण हेतु कोल्ड रूम, सब्जियों एवं फलों के सुरक्षित परिवहन हेतु रेफ्रिजरेटेड वैन की सुविधाएं सृजित किए जाने के सम्बन्ध में भी कार्य किए जाएं।
अपर मुख्य सचिव कृषि देवेश चतुर्वेदी ने मुख्यमंत्री को आत्मनिर्भर कृषक समन्वित विकास योजना के सम्बन्ध में प्रस्तुतीकरण के दौरान विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुरूप इस योजना के सम्बन्ध में शीघ्र प्रस्ताव प्रस्तुत किए जाएंगे।
इस अवसर पर कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिन्हा, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री एसपी गोयल, प्रमुख सचिव सहकारिता बाबू लाल मीणा, सचिव मुख्यमंत्री आलोक कुमार आदि मौजूद रहे।