
गाजियाबाद। सुभाषवादी भारतीय समाजवादी पार्टी द्वारा जगदीश नगर स्थित कार्यालय सुभाषिनी आफसेट पर अमर शहीद उधम सिंह को उनके शहादत दिवस पर श्रद्धांजलि अर्पित की गयी। सुभाषवादी भारतीय समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक श्रीवास्तव ने श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि जलियांवाला बाग में डायर द्वारा लोगों की हत्या के बाद उधम सिंह ने बदला लेने के लिए लंदन जा पहुंचे और ओडवायर को मार दिया। वे दूसरे क्रान्तिकारी थे जिन्हें विदेश में फांसी की सजा दी गयी। सुभास पार्टी के संस्थापक व संयोजक सतेन्द्र यादव ने उनके जीवन के विषय में बताया कि उधम सिंह का जन्म 26 दिसम्बर 1899 को पंजाब के संगरूर जिले में हुआ था। 13 अप्रैल 1919 को अमृतसर में जलियांवाला बाग में बैसाखी के लिए एकत्र हुए हजारों लोगों पर जनरल डायर द्वारा गोलियां बरसा कर मार दिया। उनका असली नाम शेर सिंह था। 1933 में पासपोर्ट बनवाने के लिए उधम सिंह अपनाया। 13 मार्च 1940 को लंदन के कैक्सटन हॉल में ईस्ट इंडिया एसोसिएशन और रॉयल सेन्ट्रल एशियन सोसायटी की एक बैठक चल रही थी। जहां वह पहुंचे वहां एक किताब भी थी। उस किताब के पन्नों को काटकर बंदूक रखी हुई थी। बैठक खत्म होने के पश्चात किताब से बंदूक निकालकर माइकल ओडवायर पर फायर कर दिया। ओडवायर को दो गोली लगी। ओडवायर जो पंजाब का पूर्व गर्वनर था। 31 जुलाई 1940 को उन्हें फांसी दे दी गयी। मुरादनगर विधान सभा क्षेत्र के प्रभारी मनोज कुमार शर्मा होदिया ने कहा कि भगत सिंह और उधम सिंह में बहुत सी समानतायें थीं। दोनों ही पंजाब से थे और दोनों की नास्तिक थे। उन्होंने ने भी फांसी से पहले धार्मिक ग्रंथ पढ़ने को मना कर दिया। 31 जुलाई 1974 को ब्रिटेन की सरकार ने उधम सिंह के अवशेष भारत को सौंप दिये। उधम सिंह की अस्थियां सम्मान सहित उनके गांव लाई गयी जहां उनकी समाधि बनी हुयी है। इस अवसर पर मुख्य रुप से अरविन्द कुमार प्रजापति, संजय श्रीवास्तव, कमल यादव, आर.पी. शुक्ला, सुभाष ठाकुर, कृष्ण यादव, संजय पासपान, राजेन्द्र कुमार, अनुपम अग्रवाल, रिंकू दीक्षित अनिल कुशवाह, सुनील दत्त, वेदप्रकाश, वागिश, गोपाल सिंह, सौरभ यादव, उमेश गर्ग, राजेश दुबे, सन्दीप, अभिनन्दन तिवारी, आबिद, विवेक राणा, सुनील यादव, राहुल यादव, विकास, राम गोपाल, नसरूद्दीन मलिक, जगदीश गोयल, दीपक कुमार, रिंकू, अक्षय, सन्नी, रोहित आदि मुख्य रूप से शामिल रहे।