गाजियाबाद/ हापड़। कोविड ड्यूटी करने वाले स्वास्थ्य कर्मियों को प्रोत्साहन राशि देने के शासन के निर्देश का पूरी तरह से पालन न किए जाने से नाराज स्वास्थ्य कर्मियों ने मंगलवार को गाजियाबाद और हापुड़ समेत पूरे प्रदेश में काली पट्टी बांधकर काम करते हुए विरोध जाहिर किया। इस विरोध में स्वास्थ्य विभाग के सभी संगठन शामिल हुए। स्वास्थ्य कर्मियों ने सभी मेडिकल कर्मियों को प्रोत्साहन राशि दिए जाने, मृतक आश्रितों को सहायता राशि देने के लिए समय सीमा निर्धारित करने और सभी मेडिकलकर्मियों के परिजनों का वैक्सीनेशन करवाए जाने की मांग की। गाजियाबाद में राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के निवर्तमान जिला मंत्री राजकुमार सिंह ने कहा कि प्रांतीय नेतृत्व की ओर से महानिदेशक और अपर मुख्य सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा को इस संबंध में पूर्व में ही प्रत्यावेदन दिया जा चुका है, लेकिन कर्मचारियों और सरकार के बीच सौहार्द की स्थिति बिगड़ती जा रही है। वरिष्ठ उपाध्यक्ष नरेन्द्र कुमार शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री की घोषणा के विपरीत 6 मई, 2021 को कोविड अस्पतालों में तैनात डॉक्टरों, नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ और सफाई कर्मियों को 25 प्रतिशत और कोविड सैंपल की जांच में तैनात लैब टैक्नीशियन, डाटा एंट्री आॅपरेटर, लैब अटेंडेंट को 10 प्रतिशत अतिरिक्त प्रोत्साहन धनराशि भुगतान किए जाने का शासनादेश जारी किया गया है। मेडिकल क्षेत्र में कार्यरत सभी कर्मचारी उच्च जोखिम में काम कर रहे हैं। इसलिए सभी को प्रोत्साहन राशि मिलनी चाहिए। हापुड़ में उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, संविदा कर्मचारी संघ, हापुड़ के कर्मचारियों ने भी मंगलवार को काली पट्टी बांधकर कार्य किया। एएनएम संघ हापुड़ के कार्यकारणी अध्यक्ष डॉ. मयंक चौधरी ने बताया उपाध्यक्ष रिंझा चौधरी व प्रदेश अध्यक्ष (डीईओ) गौरव शर्मा के द्वारा 21 मई को जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा गया था, जिसमें मुख्यत: 25 प्रतिशत अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि की मांग की गई थी। उसी क्रम में मंगलवार को काली पट्टी बांधकर विरोध दर्ज किया। मीडिया प्रभारी सुशील चौधरी ने बताया कि शासन द्वारा मांगों का संज्ञान न लेने के कारण 31 मई तक कर्मचारी काली पट्टी बांधकर कार्य करेंगे। उसके बाद 2 जून को समस्त संविदा कर्मी जहां पर भी ड्यूटी के दौरान कार्यरत होंगे वहीं पर अपने कोविड19 में शहीद हुए अपने साथियों को श्रद्धांजलि देंगे और 3 जून को प्रदेश संगठन आगे की रणनीति तय करेगा।