- घर-घर जाकर हर टीम को करना होगा एक हजार की आबादी का सर्वे
- अन्य कार्यों के साथ सर्वे के लिए टीम को मिलेगा एक माह का समय
गाजियाबाद। कुष्ठ रोग की जल्दी पहचान होने से रोगी को विकलांगता से बचाया जा सकता है और मल्टी ड्रग थेरेपी के जरिए रोगी पूरी तरह से ठीक हो जाता है। इसलिए कुष्ठ रोग की पहचान के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से अभियान चलाया जाता है। लोगों को लक्षणों के बारे में जानकारी दी जाती है। यह बातें मंगलवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. भवतोष शंखधर ने कहीं। उन्होंने बताया – शासन के निर्देश पर सितंबर माह में सघन कुष्ठ रोगी खोज एवं नियमित निगरानी अभियान चलाया जाएगा। अभियान के लिए सभी तैयारी पूरी कर ली गई हैं। 886 टीम घर-घर जाकर संभावित कुष्ठ रोगियों की पहचान करेंगी। कुष्ठ रोगियों की पहचान कैसे की जानी है, कौन-कौन से सवाल करने हैं, इस संबंध में टीमों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है।
जिला कुष्ठ रोग अधिकारी (डीएलओ) डा. अमित विक्रम ने बताया कि सीएमओ डा. भवतोष शंखधर के निर्देशन में संभावित कुष्ठ रोगियों की पहचान के लिए बनाई गई टीम में एक आशा और एक वालंटियर शामिल किया गया है। हर टीम को घर -घर जाकर सर्वे करने के लिए एक हजार की आबादी का लक्ष्य दिया गया है। क्योंकि आशा कार्यकतार्ओं को अपने नियमित कार्य भी जारी रखने हैं, इसलिए उन्हें सर्वे के लिए अपनी सुविधा के मुताबिक दिन तय करने का मौका दिया गया है, लक्षित आबादी की स्क्रीनिंग सितंबर माह के दौरान ही पूरी करनी है। जिले के विजयनगर, खोड़ा और लोनी क्षेत्र में घनी आबादी के चलते फोकस करने के निर्देश दिए गए हैं, साथ ही उन पॉकेट्स पर विशेष ध्यान देना है जहां पिछले तीन वर्षों के दौरान कुष्ठ रोगी मिले हैं। उन्होंने बताया – जिले में 82 कुष्ठ रोगियों का उपचार चल रहा है।
दो वर्ष से अधिक आयु के बच्चों और बड़ों की होगी स्क्रीनिंग
डीएलओ डा. अमित विक्रम ने बताया कि सर्वे के दौरान दो वर्ष की आयु पूरी कर चुके बच्चों और बड़ों की स्क्रीनिंग की जानी है। टीम हर घर में जाकर पूछेगी कि त्वचा पर कोई गहरे भूरे रंग का दाग तो नहीं है, यदि ऐसा कोई दाग है तो क्या उसमें सुन्नपन महसूस होता है? यदि हां तो संभावित कुष्ठ रोगी मानकर उसे नजदीकी प्राथमिक या सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर रेफर किया जाएगा। कृष्ठ रोग की पुष्टि के लिए एक बार चर्म रोग विशेषज्ञ से जांच करानी होती है और उसके बाद उपचार शुरू कर दिया जाता है। शुरूआत में रोग की पहचान होने पर आसानी से उसका उपचार हो जाता है।
कुष्ठ रोग छूत का रोग नहीं : सीएमओ
सीएमओ डा. भवतोष शंखधर ने बताया कि कुष्ठ रोग छूत का रोग नहीं है, यह रोगी से हाथ मिलाने या उसे छूने से नहीं फैलता। कुष्ठ रोगी के साथ किसी तरह का भेदभाव करना गलत है। उन्होंने जनपद वासियों से अपील की है कि सर्वे के लिए पहुंचने वाली स्वास्थ्य विभाग की टीम का सहयोग करें। कुष्ठ रोग के लक्षणों को छिपाएं नहीं, टीम को सही जानकारी दें ताकि समय से उपचार शुरू किया जा सके। कुष्ठ रोग कोई अभिशाप नहीं, एक बीमारी है, जो लेप्रे नामक बैक्टीरिया से होती है। इसका पूरी तरह से उपचार संभव है।