गाजियाबाद। मुरादनगर स्थित आईटीएस डेंटल कॉलेज में बीडीएस पाठ्यक्रम के विद्यार्थियों को दंत चिकित्सा के क्षेत्र में प्रोत्साहित करने के लिए कॉलेज के पूर्व छात्र डा. आंचल श्रीवास्तव द्वारा एक एलुमनाई लेक्चर प्रस्तुत किया गया जिसका विषय बी.डी.एस.- द रोड़ अहेड था। इस लेक्चर में 150 से अधिक छात्रों ने भाग लिया। डा. आंचल ने अपनी बीडीएस पाठ्यक्रम की पढ़ाई आईटीएस डेंटल कॉलेज से तथा एमडीएस की पढ़ाई जी.डी.सी., औरंगाबाद, महाराष्ट्र से पूर्ण की थी। इसके साथ ही डा. आंचल वर्तमान में डा. आंचल क्लासेस के फाउंडर एंड डायरेक्टर है, जो एक प्रीमियर डेंटल पोस्ट-ग्रेजुएट प्रवेश कक्षा से संबंधित है। इसके साथ ही वह विभिन्न प्रसिद्ध संस्थानों का भी हिस्सा है।
लेक्चर के दौरान डा. आंचल ने सभी विद्यार्थियों को बी.डी.एस. पाठ्यक्रम के बाद नीट एम.डी.एस. परीक्षा में उत्कृष्टता प्राप्त करने के बारे में पूर्ण जानकारी दी तथा दंत चिकित्सा के क्षेत्र में एकेडमिक उन्नति एवं क्लीनिकल स्किल्स को बेहतर बनाने हेतु चर्चा की तथा उन्होंने सभी विद्यार्थियों को बताया कि आपका फोकस हमेशा अपने आपको दंत चिकित्सा के क्षेत्र में कैसे अपग्रेड करें उस पर होना चाहिए और उन्होंने बताया कि एक उत्कृष्ट दंत चिकित्सक बनने के लिये दंत चिकित्सक को निरंतर अपने एकेडमिक एवं क्लीनिकल ज्ञान को बढ़ाते रहना चाहिए जिससे वह समाज में रहने वाले मरीजों को उच्च स्तरीय एवं नवीनतम प्रक्रियाओं के साथ दंत उपचार प्रदान कर सकें। इसके साथ ही डा. आंचल ने विद्यार्थियों को बी.डी.एस. पाठ्यक्रम को पूर्ण करने के पश्चात भविष्य में दंत चिकित्सा के क्षेत्र में विभिन्न करियर विकल्पों के बारे में भी अवगत कराया। डा. आंचल ने सबसे जटिल विषयों को सरल बनाया जिसे सभी विद्यार्थियों को समझने मे कोई कठिनाई नही हुई। इसके साथ ही लेक्चर के दौरान डा. आंचल ने विद्यार्थियों के द्वारा पूछे गये सभी प्रश्नों के उत्तर भी दिये। इस लेक्चर का उद्देश्य सभी बीडीएस छात्रों का मार्गदर्शन तथा उनमें दंत चिकित्सा के अनुभव को बढ़ाना एवं सकारात्मक उर्जा प्रदान करना था।
डा. आंचल श्रीवास्तव ने इस जानकारीपूर्ण एवं ज्ञानवर्धक मंच के प्रावधान के लिए आईटीएस-द एजुकेशन ग्रुप के चेयरमैन, डा. आरपी चड्ढा, वाईस चेयरमैन, अर्पित चड्ढा, सेक्रेट्री भूषण कुमार अरोड़ा एवं कॉलेज के डायरेक्टर-पीजी कोर्सेज, डा. श्रीनाथ ठाकुर एवं प्रधानाचार्य डा. देवी चरण शेट्टी को धन्यवाद देते हुए लेक्चर का समापन किया।