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साइबर सिक्योररटी-साइबर पीस/ केआईईटी-उत्कृष्टता केंद्र का उद्घाटन

गाजियाबाद। काईट ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस में छात्रों को साइबर सुरक्षा को समझने व रिसर्च करने के लिए साइबर सिक्योरिटी- साइबर पीस/केआईईटी-उत्कृष्टता केंद्र सीओई के उद्घाटन समारोह को आयोजित किया गया। यह केंद्र छात्रों, कर्मचारियों और संकाय सदस्यों के बीच नेटवर्किंग और साइबर सुरक्षा का ज्ञान प्रदान करने के उद्देश्य से स्थापित किया गया है। सीओई वास्तविक जीवन के परिदृश्यों के साथ व्यवहारिक ज्ञान पर जोर देगा। यह सीओई नवीनतम फायरवॉल, राउटर, लेयर-2 और लेयर-3 स्विच जैसी मशीनों के साथ साथ विंडोज एथिकल हैकिंग काली लिनक्स, पैरेट लिनक्स, उबंटू लिनक्स आदि आॅपरेटिंग सिस्टम्स के साथ सुसज्जित है।
कार्यक्रम का शुभारम्भ मां सरस्वती की वंदना के साथ संस्थान के निदेशक डॉ. कर्नल ए. गर्ग ने मुख्य वक्ता करनाल सिंह (आईपीएस 1984 बैच, पूर्व मुख्य प्रवर्तन निदेशालय), अनुज जैन (साइबरसेक कंसल्टिंग दुबई के संस्थापक और सीईओ), डॉ. गौरव गुप्ता (एडिशनल डायरेक्टर, मिनिस्ट्री आफ इलेक्ट्रॉनिक्स- इनफार्मेशन टैक्नोलॉजी में साइंटिस्ट ई) और अरुण गुप्ता (सीमेंस इंजीनियरिंग) को वर्चुअल बुके देकर स्वागत किया।
डॉ. कर्नल ए. गर्ग ने वक्ताओं को काईट ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि काइट ग्रुप आॅफ इंस्टीट्यूशन्स इंजीनियरिंग, प्रबंधन और फार्मेसी पाठ्यक्रमों में प्रवेश पाने हेतु युवाओं के लिए प्रमुख संस्थानों में से एक है। यह अपने छात्रों के कल्याण के लिए निंरतर प्रयास करता है जो उन्हें राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय दोनों प्लेटफार्मों पर सर्वोत्तम अवसर प्रदान करता है। एनआईआरएफ (नेशनल इंस्टीटूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क) रैंकिंग में काईट ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस ने पूरे भारत के सभी निजी गैर-स्वायत्त प्राइवेट नॉन आटोनोमस संस्थानों में 5वीं रैंक हासिल की है। संस्था के सभी सदस्यों के सामूहिक प्रयास की वजह से आज एआरआईआईए-2021 में दूसरा स्थान और नैक द्वारा ए़-रैंक हासिल हो सकी है।
अनुज जैन (साइबरसेक कंसल्टिंग दुबई के संस्थापक और सीईओ) ने कहा कि इन्टरनेट की सहायता से वेबसाइट, मोबाइल्स आदि के द्वारा कठिन से कठिन कार्य कुछ ही समय में आसानी से हो जाते हैं, यहां तक कि लोग पूर्ण रूप से इसके ऊपर निर्भर हो चुके हैं। इस तकनीकी युग में इंटरनेट के बारे में लगभग सभी लोगो को जानकारी है परन्तु साइबर अपराध क्या है, इसकी जानकारी सभी लोगो को नहीं है।
डा. गौरव गुप्ता (एडिशनल डायरेक्टर, मिनिस्ट्री आफ इलेक्ट्रॉनिक्स-इनफार्मेशन टैक्नोलॉजी में साइंटिस्ट ‘इ’ ने अपने अनुभव साझा करते हुए उपस्थितजनों को साइबर क्राइम के कई तरीकों के उदहारण प्रस्तुत किए। डा. गुप्ता ने काईट ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस को बधाई देते हुए कहा कि इस प्रकार के सेंटर आॅफ एक्सीलेंस से छात्रों को साइबर क्राइम की बारीकियां समझने में सहायता मिलेगी। डा. गौरव गुप्ता ने साइबर अनसेफ, हैंडबुक फॉर प्रिवेंटिंग कंप्यूटर फ्रॉड एंड साइबर क्राइम्स पर एक किताब भी प्रकाशित की है। इस पुस्तक में उन्होंने कंप्यूटर धोखाधड़ी और साइबर अपराधों की रोकथाम सम्बंधित अनेक बातों को विस्तृत रूप से बताया है।
श्री करनाल सिंह ने कार्यक्रम में उपस्थित छात्र.छात्राओं और फैकल्टी मेंबर्स को साइबर सिक्योरिटी की जागरूकता के बारे में समझाते हुए बताया कि आज पूरी दुनिया में टैक्नोलॉजी का विकास बहुत तेजी से हो रहा है। साइबर सिक्योरिटी की जागरूकता ना होने की वजह से, हम ही अपने आप हैकर्स को अपना डाटा चुराने में हेल्प कर देते हैं। कई सारी ऐसी वेबसाइटें होती हैं जहा बहुत सारे ऐसे हानिकारक सॉफ्टवेयर बनाए हुए होते हैं जिन पर जाने अनजाने में हुए क्लिक की वजह से वो हानिकारक सॉफ्टवेयर आपके कंप्युटर या मोबाइल में डाउनलोड हो जाता है। जिनकी मदद से हैकर्स को अवैध पहुंच प्राप्त करने की अनुमति मिलती है। हमें हमेशा सतर्क रहने की जरूरत हैं क्योकि मोबाइल डाटा के द्वारा हम हमेशा हैकर्स की पहुंच में रहते हैं।
एक प्रश्न के उत्तर में करनाल सिंह ने कहा कि साइबर क्राइम रोकने की दिशा में आज आवश्यकता इस बात की है कि जो कुछ भी भारतीय समाज के आईटी सेक्टर में आये वो पहले गवर्नमेंट से अनुमोदित होना चाहिए, उसके संवैधानिक दिशा-निर्देश जारी होने चाहिए। रिसर्च की संभावनाओं के सन्दर्भ में एक प्रश्न का उत्तर देते हुए डा. गौरव गुप्ता ने कहा कि इंटरनेट सुविधा आधारित अगर कोई डिवाइस है तो आप रिसर्च कीजिये कि क्या डाटा लीक हो सकता है, कैसे डाटा को लीक होने से बचाया जा सकता है, कैसे साइबर सिक्योरिटी प्रदान की जा सकती हैं आदि। अभी साइबर एरिया में रिसर्च के बहुत अधिक विकल्प उपलब्ध हैं, आवश्यकता है सामाजिक हितों को सोचने की।
कार्यक्रम के अंत में संस्था के संयुक्त निदेशक डा. मनोज गोयल ने करनाल सिंह और अरुण गुप्ता, अनुज जैन, डा. गौरव गुप्ता का साइबर क्राइम के सन्दर्भ में साझा की गयी महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए धन्यवाद व्यक्त किया। डा. गोयल ने डा. अरुण त्रिपाठी (हेड साइबर सिक्योरिटी सेल), डा. आदेश पांडेय (हेड डिपार्टमेंट आॅफ इनफार्मेशन टैक्नोलॉजी), विनय अहलावत (एसोसिएट डीन और हेड आईटी आॅपरेशंस), डा. अभिनव जुनेजा (हेड डिपार्टमेंट आॅफ सीएसआईटी) और सभी उपस्थित डींस, विभागाध्यक्षों, फैकल्टी मेंबर्स व छात्रों को कार्यक्रम का सफलतापूर्वक आयोजन करने पर धन्यवाद व्यक्त किया। कार्यक्रम का समापन सभी उपस्थितजनों ने एक स्वर से राष्ट्र गीत गाकर किया।

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