नई दिल्ली। कोरोना की तीसरी लहर आने के बाद देश के कई राज्यों में कड़ी पाबंदियां लगाने पर विचार किया जा रहा है। कई राज्यों में तो मामले बढ़ने के बाद पूर्ण लाकडाउन लगाने की चर्चाएं भी तेज हो गई हैं। इन्हीं चर्चाओं के चलते मुंबई में प्रवासी मजदूरों का अपने-अपने घरों को लौटना शुरू हो गया है। रेलवे स्टेशन प्रवासी मजदूरों का सैलाब उमड़ रहा है। पीठ पर सामान लाकर स्टेशन पर आए प्रवासी मजदूरों को यहां टिकट तक नहीं मिल पा रहा है बावजूद इसके वे ट्रेन में चढ़ने के लिए कोई भी कसर नहीं छोड़ रहे हैं। सभी प्रवासी मजदूरों की कोशिश है कि कि कैसे भी लॉकडाउन से पहले अपने गांव-अपने घर पहुंच जाएं।
मुंबई में रेलवे स्टेशन पर जमे प्रवासियों को पुलिस के डंडे भी खाने पड़े, ट्रेन का टिकट भी नहीं मिला। इसके बावजूद मजदूर वहां से नहीं हिले। अगर मुंबई में लॉकडाउन लग गया, तो वे भूखे मर जाएंगे। दरअसल, मुंबई में पिछले 24 घंटे के दौरान कोरोना के 20 हजार से ज्यादा मामले सामने आए हैं। ऐसे में टोटल लॉकडाउन की चर्चा से प्रवासी और खासतौर पर मजदूर बेहद डरे हुए हैं।
मुंबई में कुर्ला के लोकमान्य तिलक टर्मिनस से ही उत्तर प्रदेश और बिहार जाने वाली ज्यादातर ट्रेनें रवाना होती हैं। मुंबई के प्रवासियों में बड़ी संख्या इन्हीं इलाके के लोगों की है। ऐसे में लोकमान्य टर्मिनस पर गुरुवार रात 8 बजे से ही भीड़ बढ़ने लगी थी। इसमें ज्यादातर मजदूर वर्ग के लोग थे, जो शुक्रवार सुबह की ट्रेन के लिए लॉकडाउन के डर से देर रात ही स्टेशन पहुंच जाए थे।
बता दें कि कोरोना की पहली व दूसरी लहर के दौरान प्रवासी मजदूरों द्वारा अपने घरों को लौटने के लिए किस तरह पापड़ बेलने पड़े थे यह पूरी दुनिया ने देखा था। सैकड़ों किलोमीटर पैदल ही चलकर लोग अपने-अपने घरों को लौटे थे।