लखनऊ। प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कोरोना संक्रमण के कहर और स्वास्थ्य सेवाओं में कमी को लेकर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री ब्रजेश पाठक ने सवाल उठाए हैं। उन्होंने एक पत्र अपर मुख्य सचिव को लिखा है जिसमें उन्होंने कहा कि यदि स्थितियों को संभाला नहीं गया तो लखनऊ में लॉकडाउन लगाना पड़ सकता है। हालांकि एक दिन पहले ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कह चुके हैं कि कोरोना संक्रमण के बचाव व रोकथाम को लेकर युद्ध स्तर पर कार्य किया जा रहा है और किसी भी हालत में लॉकडाउन नहीं लगाया जाएगा। लेकिन अब कैबिनेट मंत्री ब्रजेश पाठक के पत्र ने सरकार को ही आईना दिखाने का काम किया है। अपर मुख्य सचिव को लिखा गया पत्र सोशल मीडिया पर वायरल भी हो रहा है। पत्र में लिखा है कि अत्यंत कष्ट के साथ सूचित करना पड़ रहा है कि वर्तमान समय में लखनऊ जनपद में स्वास्थ्य सेवाओं का अत्यंत चिंताजनक हाल है। विगत एक सप्ताह से हमारे पास लखनऊ जनपद से सैकड़ों फोन आ रहे हैं जिनको हम समुचित इलाज नहीं दे पा रहे हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी के कार्यालय में फोन करने पर उत्तर नहीं दिया जाता था जिसकी शिकायत चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री से एक अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य से करने के बाद फोन उठता है किन्तु सकारात्मक कार्य नहीं होता है। कोरोना पैशेंट की जांच रिपोर्ट मिलने में 4 से 7 दिन का समय लग रहा है। एंबुलेंस भी पैशेंट को समय से नहीं मिल पा रही है तथा फोन पर बुलाने पर पांच से छह घंटे में एंबुलेंस पहुंच रही है। सीएमओ आफिस से भर्ती स्लिप मिलने में दो-दो दिनों का समय लग रहा है। ऐसी असंतोषजनक स्थिति के दृष्टिगत विगत आठ अप्रैल को वे स्वयं सीएमओ कार्यालय जा रहे थे किन्तु अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य द्वारा फोन पर दिए गए आश्वासन के बाद वे उनके कार्यालय नहीं गए। हालांकि अभी तक किसी भी प्रकार की स्थिति संतोषजनक नहीं हो पाई है। 12 अपै्रल 2021 को लिखे गए पत्र पर अति गोपनीय भी दर्ज है। पत्र में उन्होंने कहा है कि उनकी विधानसभा क्षेत्र के पद्मश्री पुरस्कार प्राप्त योगेश प्रवीण की अचानक तबियत बिगड़ गई जिसकी सूचना मिलने पर मैंने स्वयं मुख्य चिकित्साधिकारी से फोन पर बात की एवं उन्हें तत्काल एंबुलेंस तथा चिकित्सा मुहैया कराने का अनुरोध किया किन्तु खेद का विषय है कि कई घंटों के उपरांत भी उन्हें एंबुलेंस नहीं मिल पाई और समय से चिकित्सा सुविधा नहीं मिल पाने के कारण उनका निधन हो गया। योगी आदित्यनाथ सरकार में न्याय, विधायी एवं ग्रामीण अभियन्त्रण सेवा मंत्री ब्रजेश पाठक लखनऊ की मध्य विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। उनका स्वास्थ्य महकमे के जिम्मेदारों को लिखा गया अति गोपनीय पत्र वॉयरल हो गया है। वर्तमान कोविड-19 जनित परिस्थितियों में जबकि प्रतिदिन चार से पांच हजार कोरोना के रोगी जनपद में मिल रहे हैं ऐसे में कोविड अस्पतालों में बेड की संख्या अत्यधिक कम है। लखनऊ में प्राइवेट पैथोलॉजी सेंटरों में कोविड की जांच बंद करा दी गई है एवं सरकारी अस्पतालों में कोविड की जांच में कई दिनों का समय लग रहा है। चिकित्सा विभाग के एक बड़े अधिकारी से एक सप्ताह पूर्व उनकी बात हुई थी जिन्होंने बताया था कि प्रतिदिन सत्रह हजार किट जांच के लिए चाहिएं लेकिन सिर्फ दस हजार किट ही मिल रही हैं। पत्र में उन्होंने अनुरोध करते हुए लिखा है कि कोविड अस्पतालों में कोविड के मरीजों के लिए बेड की संख्या बढ़ाई जाए, कोविड जांच की संख्या बढ़ाई जाए एवं पर्याप्त जांच किट उपलब्ध कराई जाए। प्राइवेट अस्पतालों, शिक्षण संस्थानों एवं पैथोलॉजी को कोविड जांच का पुन: अधिकार दिया जाए। पूर्व की भांति कोविड के रैंडम टेस्ट शुरू किए जाए। आईसीयू की संख्या बढ़ाई जाए एवं गंभीर रोगियों को तुरंत भर्ती करने की सुविधा प्रदान की जाए। कोविड रोगियों को लगने वाली रेमडेसिविर वैक्सीन को पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराया जाए। जो रोगी कोविड के मरीज नहीं हैं अथवा जो हॉर्ट, किडनी, लीवर, कैंसर, डायलिसिस एवं अन्य गंभीर रोगों से ग्रसित हैं, उनकी और भी अधिक दयनीय स्थिति है क्योंकि कोविड के कारण समय से उचित इलाज नहीं मिल पा रहा है, ऐसे रोगियों को भर्ती किए जाने के इंतजाम भी हमें गंभीरता से देखने होंगे।