नई दिल्ली। पड़ोसी देश नेपाल से बड़ी खबर आ रही है। बताया जा रहा है कि चीन के कट्टर समर्थक नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली संसद के निचले सदन में विश्वासमत नहीं जुटा पाए हैं। इसके चलते नेपाल में राजनीतिक अस्थिरता का दौर और भी बढ़ गया है। ओली को 275 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा में विश्वास मत जीतने के लिए 136 मतों की जरूरत थी। संसद में वह इस आंकड़े को नहीं छू सके हैं। विश्वासमत हासिल न करने के बाद से ओली को लेकर नेपाल में राजनीतिक हलचल तेज हो गई हैं। पुष्पकमल दहल ‘प्रचंड’ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी केंद्र) द्वारा समर्थन वापस लेने के बाद ओली सरकार अल्पमत में आ गई थी। इसलिए प्रधानमंत्री ओली को निचले सदन में बहुमत साबित करना था। वहीं सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (यूएमएल) ने अपने सभी सांसदों को व्हिप जारी कर प्रधानमंत्री के पक्ष में मतदान का अनुरोध किया था लेकिन ओली को सफलता नहीं मिल सकी। संसद में विश्वासमत हारने के बाद प्रधानमंत्री ओली को अब इस्तीफा देना होगा। ओली का उनकी पार्टी में ही विरोध था। उनकी अपनी ही पार्टी के नेता लंबे वक्त से उनके इस्तीफे की मांग कर रहे थे। हालांकि, रविवार को यह लगा था कि ओली इस बार भी जोड़तोड़ करके अपनी कुर्सी बचा ले जाएंगे, लेकिन ऐसा करने में वह सफल नहीं हो सके।