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नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा आराधना से उनका आशीर्वाद प्राप्त होता

नई दिल्ली । Nag panchami 2021 : भगवान शिव को नाग बहुत प्रिय हैं। इसलिए नाग देवता वासुकि भगवान शिव के गले की शोभा बढ़ाते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार पौराणिक काल से ही सर्पों को देवता के रूप में पूजा जाता रहा है। इसलिए नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा आराधना से उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है।

इसी माह में नाग पंचमी के पर्व को मनाया जाता है। प्रत्येक वर्ष सावन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी का त्योहार आता है। इस दिन नाग देवता की पूजा पूरे विधि विधान से किया जाता है।

नाग पंचमी शुभ मुहूर्त

नाग पंचमी पर्व : 13 अगस्त 2021 दिन शुक्रवार

पंचमी तिथि प्रारंभ : 12 अगस्त 2021 दिन गुरुवार दोपहर 03 बजकर 24 मिनट से

पंचमी तिथि समापन : 13 अगस्त 2021 दिन शुक्रवार दोपहर 01 बजकर 42 मिनट तक

नाग पंचमी पूजा मुहूर्त : 13 अगस्त 2021 को सुबह 05 बजकर 49 मिनट से 08 बजकर 28 मिनट तक

नाग पंचमी में इन 12 नागों की पूजा की जाती है। नाग पंचमी पर इन नागों को विशेष रूप से दूध अर्पित किया जाता है। हिंदू धर्म शास्त्र के अनुसार इन बारह नागों की पूजा का विशेष रूप से महत्व माना जाता है। इन नागों के नाम इस प्रकार हैं अनन्त, वासुकि, शेष, पद्म, कम्बल, कर्कोटक, अश्वतर, धृतराष्ट्र, शङ्खपाल, कालिया, तक्षक और पिङ्गल नाग हैं।

नाग पंचमी का महत्व


सावन में नाग देवता के साथ भगवान शिव की पूजा और रूद्राभिषेक करना शुभ माना गया है। नाग पंचमी को नाग देवता की पूजा करने से कालसर्प दोष दूर होता है। इस दिन नाग देवता की विधि-विधान से पूजा करने से घर में सुख, शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है।

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