नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर ने पूरे देश में तबाही मचा रखी है। जिस दौर में देश गुजर रहा है ऐसे में भारतीय रिर्जव बैंक ने बड़ा ऐलान किया है। भारतीय रिजर्व बैंक के गर्वनर शशिकांत दास ने प्रेस कान्फ्रेंस कर कोरोना की दूसरी लहर से लड़ने के लिए बैंकों द्वारा 31 मार्च 2022 तक अस्पतालों, आॅक्सीजन आपूर्तिकर्ताओं, वैक्सीन आयातकों, कोविड दवाओं के लिए 50 हजार करोड़ रुपये के प्राथमिकता पर आधारित कर्ज की घोषणा की। केवाईसी को लेकर भी रिजर्व बैंक ने बड़ी छूट देते हुए वीडियो केवाईसी और नॉन फेस टू फेस डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन को बढ़ावा देने को कहा।
उन्होंने कहा कि सेन्ट्रल बैंक कोविड की परिस्थितियों पर नजर बनाए हुए है। उन्होंने कहा दुनिया के मुकाबले भारत में रिकवरी तेज हो रही है, लेकिन पहली लहर के मुकाबले दूसरी लहर ज्यादा खतरनाक है। पहली लहर के बाद इकोनॉमी में बेहतर रिकवरी देखी गई थी। उन्होंने उम्मीद जताई की अच्छे मानसून की वजह से गांवों में मांग बढ़ेगी।
जनवरी से मार्च के दौरान खपत बढ़ी है। बिजली की खपत में भी तेजी आई है। भारतीय रेलवे के माल भाड़े में बढ़ोतरी की गई है। अप्रैल में पीएमआई 55.5 पर पहुंच गया। सीपीआई भी बढ़ा है। यह मार्च में 5.5 फीसदी था। भारत का निर्यात मार्च में काफी बढ़ा है। भारत सरकार के आंकड़ों की मानें तो अप्रैल में यह तेजी से बढ़ा है। दाल-दलहन, तिलहन और दूसरे जरूरी सामान के दाम में बढ़ोतरी दर्ज हुई है। ऐसा कोरोना के कारण सप्लाई चेन की सीरीज टूटने से हुआ है।
शक्तिकांत दास ने अपने संबोधन के दौरान महामारी से लड़ने में मदद करने के लिए डॉक्टर, नर्स और अन्य स्वास्थ्य सेवा कार्यकतार्ओं और पुलिस कर्मियों का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि आरबीआई विशेष रूप से नागरिकों, व्यापारिक संस्थाओं और दूसरी लहर से प्रभावित संस्थानों के लिए अपने सभी संसाधनों और उपकरणों को तैनात करेगा।
फइक ने मार्च 2022 तक कोविड-19 से संबंधित स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए 50,000 करोड़ रुपये की विशेष लिक्विडिटी सुविधा की घोषणा। उनका यह संबोधन पहले से निर्धारित नहीं था। देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने भयावह स्थिति पैदा कर दी है। एक तरफ जहां स्वास्थ्य प्रणाली चरमरा गई है, तो दूसरी तरफ कालाबाजारी करने से लोग बाज नहीं आ रहे हैं। हालांकि कोरोना के दैनिक मामलों में कुछ दिनों से हल्की गिरावट आ रही है, जो राहत के संकेत है। लेकिन राज्यों में लगाए गए लॉकडाउन से जनता परेशान है क्योंकि इसका सीधा असर उनकी कमाई पर पड़ा है। देश की अर्थव्यवस्था को भी संकट के इस समय से उबारने के लिए कड़े कदम उठाने की जरूरत है। ऐसे में केंद्रीय बैंक का यह संबोधन बेहद अहम है। उन्होंने कहा कि आरबीआई कोरोना की स्थिति पर नजर बनाए हुए है। कोरोना की पहली लहर के बाद अर्थव्यवस्था में अच्छी रिकवरी दिखी थी। कोविड-19 की दूसरी लहर के प्रसार को देखते हुए व्यापक और त्वरित कार्रवाइयों की आवश्यकता है।