गाजियाबाद। केंद्रीय आर्य युवक परिषद द्वारा 210 वां आर्य वेबिनार आॅनलाइन जूम पर आयोजित किया गया। विषय था सफलता के सूत्र।
आर्य जगत के वैदिक विद्वान आचार्य गवेंद्र शास्त्री ने अपने संबोधन में कहा कि महर्षि दयानंद जी के कई महान अनुयायी हुए जिन्होंने ऋषि ऋण को चुकाने के लिए अपने तन मन और धन तक को न्योछावर कर दिया था, इन्हीं में से एक थे पंडित गुरुदत्त विद्यार्थी संस्कृत, हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू और फारसी के महान विद्वान थे। आज के युवाओं पर इस बात की जिम्मेदारी है कि वह लीक से हटकर सोचें और अपने जीवन में कुछ सकारात्मक परिणाम निकालें। जीवन में सफलता प्राप्ति के लिए मार्ग तो अनेक हैं लेकिन उन पर चलने की प्रेरणा हम अपने उन पूर्वजों से लें जिन्होंने अपने संचित ज्ञान का अधिकाधिक सदुपयोग किया। केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि जीवन में सफलता के लिये समय की प्रतिबद्धता, अनुशासन बहुत आवश्यक है। जीवन मे कमिटमेंट्स होने चाहिए जिससे व्यक्ति लक्ष्य प्राप्ति के लिए पुरुषार्थ करता रहे। बिना लक्ष्य निर्धारित व्यक्ति अधूरा है। जब मंजिल का ही पता नहीं होगा तो जायेगा कहाँ–? अत: लक्ष्य निर्धारित व्यक्ति ही सफलता प्राप्त कर सकता है। अध्यक्षता करते हुए समाजसेवी हरिचंद स्नेही ने कहा कि जिस प्रकार बिना पता लिखा लिफाफा कहीं नहीं पहुंचता उसी प्रकार युवाओं को कुछ मापदंड स्वयं ही तय करके आगे बढ़ना है। केन्द्रीय आर्य युवक परिषद उत्तर प्रदेश के महामंत्री प्रवीण आर्य ने कहा कि प. गुरुदत्त विद्यार्थी होनहार आर्य नोजवान थे, हमें उनका अनुसरण करना चाहिए। आर्य केन्द्रीय सभा महानगर गाजियाबाद के प्रधान सत्यवीर चौधरी ने कोरोना से उपचार के लिए यज्ञ-हवन करने को कारगर ओषधि बताया। गायिका सुखवर्षा सरदाना,आशा आर्या,कविता आर्या,डॉ रचना चावला,विजय लक्ष्मी,कुसुम भंडारी,सुदेश आर्या,नरेंद्र सुमन, नरेश खन्ना,प्रवीना ठक्कर आदि ने गीत सुनाये। आचार्य महेन्द्रर भाई,सौरभ गुप्ता, कृष्ण लाल राणा,आनन्द प्रकाश आर्य,यशोवीर आर्य, मृदुला अग्रवाल,राजकुमार भंडारी,जनक अरोड़ा,अनिल कक्कड़,संजय सपरा,रमा नागपाल,प्रेम सचदेवा आदि उपस्थित थे।