गाजियाबाद। मुरादनगर में अति शीघ्र कोविड सेंटर बनाकर कोरोना पीड़ित मरीजों का उपचार शुरू करो वरना 8 मई को सीएमओ कार्यालय पर दूंगा धरना। यह चेतावनी दी है पश्चिम उत्तर प्रदेश संयुक्त व्यापार मंडल गाजियाबाद के जिला अध्यक्ष ज्ञानेंद्र सिंघल ने। प्रेस विज्ञप्ति में उन्होंने कहा है कि लोगों का दर्द है कि उनकी कहां कौन सुनेगा, किसको सुनाएं इसलिए चुप रहते हैं। मुरादनगर क्षेत्र में कोरोना संक्रमण महामारी दिन प्रतिदिन विकराल रूप धारण करती जा रही है। मुरादनगर क्षेत्र की जनता असहाय स्थिति में है। ऐसे में सख्त आवश्यकता है मुरादनगर में एसआरएम यूनिवर्सिटी व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को अति शीघ्र कोविड सेंटर में तब्दील करने की। उन्होंने कहा कि आंखों में आंसू है, दिल में गुस्सा, अपनी आंखों के सामने देखते-देखते न जाने कितने अपनों को खो दिया है हमने, कारण सही समय पर समुचित उपचार का न मिलना। यूं तो मुरादनगर से 15 किलोमीटर दूर गाजियाबाद में बहुत से अस्पताल कोविड सेंटर मैं तब्दील हैं। मुरादनगर गाजियाबाद आपस में सटे होने के बावजूद भी कोविड जैसी खतरनाक स्थिति में मरीज के लिए 15 किलोमीटर की दूरी बहुत लंबी दूरी हो जाती है। उनके सामने कोरोना पीड़ित मरीजों के बहुत से केस ऐसे हैं जिन्होंने गाजियाबाद पहुंचने से पहले ही रास्ते में दम तोड़ दिया। अगर कोई पहुंच भी गया तो अस्पताल में बेड के लिए दर दर भटकते भटकते दम तोड़ दिया। अगर समय रहते किसी को प्राइवेट अस्पताल में बेड मिल भी गया तो अस्पताल ने उसे जीते जी मरने के लिए मजबूर कर दिया। इतना मोटा बिल यानी उसके तन पर पहने कपड़े तक उतारकर उसे सिर्फ और सिर्फ मास्क पहने छोड़कर ही डिस्चार्ज किया। सभी अस्पतालों में कुछ संख्या में बेड खाली हैं लेकिन वह फुल दिखाकर मोटी मुर्गी के इंतजार में रहते हैं। ऐसी स्थिति में गरीब आदमी मरने में ही अपना फायदा समझ रहा है। पश्चिम उत्तर प्रदेश संयुक्त व्यापार मंडल ने ऐसी स्थिति में मुरादनगर क्षेत्र की जनता के लिए अति शीघ्र सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र व एसआरएम यूनिवर्सिटी को कोविड सेंटर में तब्दील करने की मांग की है ताकि क्षेत्र की जनता को कोविड़ जैसी खतरनाक बीमारी का समुचित इलाज मिल सके। सरकार द्वारा ऐसा न करने पर उन्होंने 8 मई को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय पर धरने की चेतावनी दी है।