- आत्मिक उन्नति के लिए ईश्वर स्तुति आवश्यक: नरेन्द्र आहूजा विवेक
- ईश्वर भक्त कभी निराश नहीं होता: अनिल आर्य
गाजियाबाद। केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान में ईश्वर स्तुति, प्रार्थना व उपासना विषय पर आॅनलाइन गोष्ठी का आयोजन किया गया। हरियाणा के खाद्य एवं औषधि नियंत्रक और केन्द्रीय आर्य युवक परिषद हरियाणा के प्रान्तीय प्रभारी नरेन्द्र आहूजा विवेक ने अपनी चिर-परिचित प्रेरणादायी शैली में कहा कि जिस भी पदार्थ का जो गुण, क र्म व स्वभाव है उसको वही जानना, समझना व जीवन में धारण करना उसकी स्तुति कहलाता है। उन्होंने उदाहरण के माध्यम से समझाया कि जैसे आर्य समाज के नियमों में ईश्वर को सर्वव्यापी बताया गया है किंतु हम उसके स्थान पर ईश्वर को कुछ और माने तो वह ईश्वर की स्तुति नहीं निंदा होगी। ईश्वर तो इस संसार के कण-कण में मौजूद हैं। ईश्वर जीवन में जब हमें कोई संकट देते हैं तो वह हमारे लिए ईश्वर की दयालुता ही है। वह कष्ट हमारे लिए वैक्सीन का काम करते हैं ताकि आने वाले समय में अगर कोई बड़ी चुनौती आए तो हम उससे लड़ने में सक्षम हो सकें। आर्य समाज के दूसरे नियम से हम ईश्वर के सच्चे स्वरूप को जान सकते हैं। सामाजिक, सर्वहितकारी व परोपकारी कार्य को पूरा करने के लिए अपने पूर्ण पुरुषार्थ के बाद ईश्वर से शक्ति की कामना करना प्रार्थना कहलाता है। उपासना की विधि द्वारा हम ईश्वर से निकटता महसूस करते हैं। केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि ईश्वर भक्त विपरीत परिस्थितियों में कभी निराश नहीं होता। उन्होंने आर्य युवकों को वर्तमान के संघर्षपूर्ण समय में संस्कृति की रक्षा के लिए तैयार रहने का आह्वान किया। मुख्य अतिथि आर्यनेता आर. पी. सूरी व आर्य समाज वृंदावन गार्डन साहिबाबाद के प्रधान कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि महर्षि दयानंद युगप्रवर्तक थे उन्होंने पूजा का सही मार्ग बताया। गायिका प्रवीना ठक्कर, बिंदु मदान, विजया लक्ष्मी, मृदुला अग्रवाल, दीप्ति सपरा, निर्मल विरमानी, रवीन्द्र गुप्ता आदि ने भजन सुनाये। प्रवीण आर्य द्वारा कार्यक्रम का समापन शांति पाठ से किया गया। आर्य नेता आनन्द प्रकाश आर्य, वेद भगत, सौरभ गुप्ता, वीरेन्द्र आहूजा, कमलेश हसीजा, ईश आर्य, नरेन्द्र सोनी हिसार आदि उपस्थित थे।