गाजियाबाद। वर्ल्ड हेपेटाइटिस दिवस के अवसर पर आईटीएस डेंटल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी विभाग द्वारा हैपेटाइटिस बी टीकाकरण कैंप, नुक्कड़ नाटक एवं क्विज प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। बता दें कि कोरोना महामारी के चलते वायरस शब्द जैसे एक आम बात हो गई है। ऐसी ही एक बीमारी हेपेटाइटिस जिसे भारत मे द साइलेंट डिजीज का नाम दिया गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यू0एच0ओ0) की रिपोर्ट के अनुसार पूरे विश्व में हेपेटाइटिस बीमारी के कारण हर साल लगभग 14 लाख लोगों की मृत्यु हो जाती है। यह बीमारी हेपेटाइटिस वायरस से होती है जो 5 प्रकार के वायरस है – एबीसीडीई, इनमें हेपेटाइटिस बी एवं सी सबसे ज्यादा खतरनाक है। क्योंकि लगभग 57 प्रतिशत लिवर सिरोसिस और 78 प्रतिशत लिवर कैंसर इन दोनों प्रकार के वायरस से होते हंै। विश्व में करीब सात करोड़ लोग हेपेटाइटिस सी से तथा भारत में करीब 4 करोड़ लोग हेपेटाइटिस बी एवं 6 से 12 लाख लोग हेपेटाइटिस सी से पीड़ित हैं। इस बीमारी में पहले हल्का बुखार, पेट दर्द, भूख न लगना उल्टी का मन करना और पीलिया हो जाता है। इस बीमारी का इलाज बहुत महंगा है इसलिए शुरूआत में ही इसकी रोकथाम पर सबसे अधिक ध्यान देना चाहिये। हेपेटाइटिस ए और ई दूषित खानपान के द्वारा होता है। बाकी सब वायरस कई प्रकार के मानव द्रवों के द्वारा होता है। हेपेटाइटिस बी की रोकथाम टीकाकरण से की जा सकती है। इसके लिए सही जानकारी, इलाज के औजारों का सही, सुरक्षित एवं प्रभावी टीकाकरण, अत्याधिक आधुनिक ब्लड बैंक, डिस्पोजेबल सीरींज और सुई का उपयोग इत्यादि है। सन 2009 से 91 डब्ल्यूएचओ मेंबर स्टेट ने हैपेटाइटिस बी टीका को शिशुओं के टीकाकरण प्रोग्राम में शामिल किया गया है। नवजोत शिशु को एक साल मे तीन डोज देकर मुक्ति दिलाई जाती है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य हेपेटाइटिस के बारे में जागरूकता फैलाना और नेशनल वायरल हेपेटाइटिस कंट्रोल कार्यक्रम में सहयोग देना तथा विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ग्लोबल हेपेटाइटिस स्ट्रेटेजी में सहयोग देना है। इसके साथ ही सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) के उद्देश्य को पूरा कर 2030 से पहले इस बीमारी पर जीत हासिल करना है। यह कार्यक्रम माइक्रोबायोलॉजी की फैक्ल्टी मिस साक्षी सोढ़ी की देखरेख में किये गये। इस कार्यक्रम में संस्थान की बीडीएस द्वितीय वर्ष की छात्रा मिस शुभी गौर ने हैपेटाइटिस बी विषय पर एक लेक्चर प्रस्तुत किया तथा इसके साथ ही संस्थान के बीडीएस के विद्यार्थियों, अध्यापकों एवं अन्य कर्मचारियों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया और इसे सफल बनाया। क्विज कॉम्पीटीशन में डॉ. त्रृषि रथ, डॉ. आशीष बहल और डॉ. अर्शी नफीस की निर्णायक टीम ने विजेता विद्यार्थियों को पुरस्कृत किया। इस सफल कार्यक्रम के लिये सभी प्रतिभागियों ने आईटीएस- द एजुकेशन ग्रुप के चेयरमैन डॉ. आरपी चड्ढा तथा वाईस चेयरमैन अर्पित चड्ढा को धन्यवाद दिया।