- सौ करोड़ वैक्सीन डोज की ओर अग्रसर भारत
नई दिल्ली। कोरोना ने पूरे विश्व में खूब तबाही मचाई है, अब धीरे-धीरे सबकुछ सामान्य होने की दिशा में हम आगे बढ़ रहे हैं। भारत में सौ करोड़ वैक्सीन डोज लगाने का कार्य भी आज पूरा हो सकता है। लेकिन क्या फिर भी इस बार की दिवाली हम बिना मास्क के मना सकते हैं, इसको लेकर अभी कोई आदेश या निर्देश नहीं हैं। दुनिया का सबसे पहला देश इजराइल है जहां पूरी तरह से वैक्सीनेटेड लोगों को मास्क नहीं लगाने की छूट दी गई है, हालांकि डेल्टा वेरिएंट के चलते और कोरोनों के मामले बढ़ने के कारण फिर से मास्क लगाना अनिवार्य किया गया है। वैसे भी दुनिया के जिन देशों में वैक्सीनेटेड लोगों को मास्क लगाने से छूट मिली हुई है वहां पचास फीसदी अधिक आबादी को वैक्सीन लगाई जा चुकी है। अमेरिका ने केवल 37 प्रतिशत आबादी के वैक्सीनेटेड होने पर वैक्सीनेटेड लोगों को मास्क लगाने की छूट दी थी। ब्रिटेन, अमेरिका, स्वीडन, चीन, न्यूजीलैंड, हंगरी, इटली के बाद हाल ही में साऊदी अरब में अब पूरी तरह वैक्सीनेटेड लोगों के लिए मास्क पहनना जरूरी नहीं है।
भारत में आज यानी बुधवार को वैक्सीन के 100 करोड़ डोज लग सकते हैं। मंगलवार तक 99 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन डोज लगाई जा चुकी थीं। जिन देशों में तेजी से वैक्सीनेशन हुआ है उनमें से कुछ मास्क फ्री हो गए हैं। ऐसे में अब सवाल है कि 100 करोड़ डोज के बाद क्या हमारी दिवाली भी मास्क फ्री होने वाली है? सरकार ने अगस्त में दिसंबर तक 216 करोड़ वैक्सीन डोज लाने की बात कही थी। मौजूदा रफ्तार से क्या ऐसा संभव होगा? देश में 16 जनवरी से वैक्सीनेशन अभियान की शुुरुआत हुई। शुरूआती 20 करोड़ वैक्सीन डोज 131 दिन में लगे। अगले 20 करोड़ डोज 52 दिन में दिए गए। 40 से 60 करोड़ डोज देने में 39 दिन लगे। 60 करोड़ से 80 करोड़ डोज देने में सबसे कम, महज 24 दिन लगे।
अब 80 करोड़ से 100 करोड़ होने में 31 दिन लग रहे हैं। यानी अब रफ्तार कम हो गई है। अगर इसी रफ्तार से वैक्सीनेशन होता रहा तो देश में 216 करोड़ वैक्सीन डोज लगने में करीब 175 दिन और लगेंगे। यानी, 5 अप्रैल 2022 के आसपास ये आंकड़ा हम पार कर सकते हैं।
इहमने भले ही 100 करोड़ डोज लगा लिए हों, लेकिन देश की महज 20% आबादी ही पूरी तरह वैक्सीनेट हुई है। 29% आबादी को वैक्सीन की एक डोज दी जा चुकी है। ऐसे में मास्क फ्री होने के लिए हमें अभी इंतजार करना होगा।
डॉक्टरों का कहना है कि कि जब तक 85 प्रतिशत आबादी पूरी तरह वैक्सीनेट नहीं हो जाती तब तक ऐसा करना खतरनाक हो सकता है। जिन देशों में इससे छूट दी गई है वहां जनसंख्या घनत्व भारत की तुलना में काफी कम है।