देश एक कानून पर चलेगा या कानून दो होंगे!

- भाजपा के नेता जो बोलें वो सही, बाकी सब गलत
- क्या हम कुछ चुनिंदा लोगों को भारतीय सेना का अपमान करने का हक दे सकते हैं?
- देश एक-संविधान एक तो सबके लिए सजा भी हो एक
कमल सेखरी
पहलगाम में हुए नरसंहार का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए भारतीय सेना ने आपरेशन सिंदूर के नाम से पाकिस्तान पर जो हमला किया वो वाद-विवाद से परे रखा जाए तो सही मायने में मुंहतोड़ जवाब था। पाकिस्तान को तो हमने मुंहतोड़ जवाब दे दिया लेकिन उनके मुंह कैसे बंद रखे जाएं जो आपरेशन सिंदूर में हुए सीजफायर के बाद आपत्तिजनक अमर्यादित और अश्लील भाषा में भारतीय सेना को लेकर भी उलटा सीधा बोल रहे हैं। यह अपमानजनक काम जितना विपक्षी दल के नेता कर रहे हैं उससे कई अधिक गुणा आगे बढ़कर भाजपा के जिम्मेदार नेता ऐसा अपशब्दों में कहते हुए नजर आ रहे हैं। मध्यप्रदेश के एक मंत्री ने भाजपा के सदस्यों को संबोधित करते हुए एक ऐसी महिला फौजी आफिसर को पाक आतंकियों की बहन बता दिया जिसे भारत सरकार और भारतीय सेना बड़े सम्मानजनक शब्दों में संबोधित कर रही थी। विजय शाह नाम के इस मंत्री के खिलाफ मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने खुद से संज्ञान लेते हुए पुलिस को रिपोर्ट दर्ज करने के आदेश दिये। आज लगभग एक माह बीत गया है लेकिन बेशर्मी की सभी हदें पार करने वाले मंत्री के खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इसी तरह हरियाणा से जुड़े भाजपा के एक और सांसद रामचन्द्र जांखड़ ने पहलगाम के नरसंहार में विधवा हुर्इं 26 भारतीय महिलाएं जिनके उजड़े सिंदूर को लेकर भारतीय सेना ने आपरेशन सिंदूर चलाया उन महिलाओं को भी सांसद जांखड़ ने नहीं बख्शा। इस सांसद ने बदतहजीबी की सभी सीमांए लांघकर उन विधवाओं के लिए अपमानजनक शब्द बोले जिनका उजड़ा सिंदूर प्रधानमंत्री के लहू में बह रहा है, जैसा प्रधानमंत्री कह रहे हैं और जिस सिंदूर की लाज के लिए पाकिस्तान पर हमला किया गया। इसी तरह महाराष्टÑ के विधायक देवड़ा ने प्रधानमंत्री के प्रति अपनी आस्थाओं का पूरा खजाना उड़ेलकर इतना भी कह दिया कि समस्त देश और सेना मोदी जी के चरणों में है।
अभी बीते दिन ही जम्मू कश्मीर के भाजपा के एक विधायक जो उधमपुर से चुने गए हैं उन्होंने जम्मू के पुंछ में पाक के हमले से हुए ्भारी नुकसान को लेकर यह तक कह दिया कि सेना नालायक है, हमले के समय वो सब सो रहे थे। अब विपक्ष कुछ भी कहता रहे लेकिन शायद इतना कुछ कहने की हिम्मत नहीं कर सकता जितना भाजपा के विधायक, सांसद और मंत्री बड़ी आसानी से बोल देते हैं और उन पर कोई कार्रवाई भी नहीं होती। अगर इतना किसी विपक्षी नेता ने बोला होता तो उसे देशद्रोही करार देकर जेल में डाल दिया होता। इसके उदाहरण हैं। हरियाणा की अशोक यूनिवर्सिटी के एक प्रोसफेसर अली हसन ने सोशल मीडिया पर अपना एक लेख लिखकर डाला उसके अंत में उन्होंने जो विश्लेषण किया उसे सरकार ने आपत्तिजनक माना और उन्हें तुरंत ही देशद्रोह की धारा 152, 196 और 197 में उठाकर आनन फानन में जेल भेज दिया। हालांकि प्रोफेसर अली ने दो घंटे बाद ही अपना संदेश मिटाते हुए माफी भी मांग ली थी। कई दिन जेल रहने के बाद उन्हें अदालत से जमानत मिल गई। एक ऐसा ही मामला तीन सप्ताह पहले पुणे के एक इंजीनियरिंग कालेज के प्रथम वर्ष में पढ़ रही छात्रा हसीना शेख के साथ हुआ। हसीना 19 वर्ष की है और उसने सोशल मीडिया पर एक मैसेज डालने के साथ पाकिस्तान जिंदाबाद लिख दिया। हालांकि उसने दो घंटे बाद माफी मांगते हुए अपने इस संदेश को डिलीट कर दिया लेकिन सरकार ने उसे बख्शा नहीं और उसे उसी देशद्रोह की धारा 152, 196,197 के अंतर्गत उठाकर जेल भेज दिया। हालांकि हसीना शेख को तीन सप्ताह बाद जमानत मिल गई और अदालत ने जमानत देते हुए यह नाराजगी भी जताई कि छात्रा कम उम्र की मासूम लड़की है उसे डांट डपटकर या लिखित बांड भरवाकर छोड़ा जा सकता था। इस छात्रा को कालेज ने ना केवल सस्पेंड ही किया बल्कि उसके प्रवेश को ही निरस्त कर दिया। ऐसी ही एक गलती तीन साल पहले पाकिस्तान के लाहौर में तब घटित हुई जब भारत के उस समय के कप्तान विरोट कोहली ने नाबाद 121 रन बनाए और भारत मैच जीता। इस मौके पर लाहौर की एक गली की छत से एक युवक ने भारतीय झंडा फहराकर जोर जोर से नारे लगाए विरोट कोहली जिंदाबाद-विराट कोहली जिंदाबाद। वहां की पुलिस भी उस युवक को पकड़कर थाने ले गई लेकिन मोहल्ले के कुछ लोग एकत्र होकर थाने गए और उस नवयुवक के पिता द्वारा लिखित माफीनामा मांगने पर युवक को छोड़ दिया गया। हमें अब तय करना है कि कुछ बोलने या कुछ भी बोलने का अधिकार केवल भाजपा के कार्यकर्ताओं, विधायकों, सांसदों या मंत्रियों को ही है या जैसा वो बोल रहे हैं वैसा विपक्षी दल के नेता भी बोल सकते हैं या देश का आम नागरिक भी बोल सकता है। अगर ऐसा है बकाया और लोग नहीं बोल सकते तो हमें तसव्वर करना होगा कि देश दो कानून से चल रहा है। अगर वैसा हम सब को बोलने की आजादी है तो देश बाबा साहब अंबेडकर के बनाए संविधान जो अभी तक इकलौता संविधान है उसी पर चल रहा है।