- देश के कई राज्यों में किया जा रहा टीएमसी को मजबूत
- कांग्रेस के कई बड़े नेता हो लिए टीएमसी के साथ
नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में भाजपा को धूल चटानी वाली टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने अब देश के कई राज्यों में भी अपनी पकड़ बनाने के लिए रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है। गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री को अपने पाले में करने के बाद बिहार से पूर्व क्रिकेटर कीर्ति आजाद, पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष अशोक तंवर भी टीएमसी में शामिल हो गए हैं। कांग्रेस से रुष्ट होकर टीएमसी में आ रहे कांग्रेस नेताओं को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। दिल्ली में रहने के बावजूद ममता बनर्जी ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात तक नहीं की। वे सिर्फ प्रधानमंत्री मोदी से मिलीं। मेघालय के पूर्व मुख्यमंत्री मुकुल संगमा के साथ कांग्रेस के 11 विधायक भी टीएमसी में शामिल हो गए।
ममता बनर्जी ने मीडिया से कहा कि यदि तृणमूल कांग्रेस उत्तर प्रदेश में भाजपा को पराजित करने में मदद कर सकती है तो हम जाएंगे। यदि अखिलेश यादव हमारी मदद चाहते हैं तो हम मदद करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी पार्टी ने गोवा में शुरूआत की है और कुछ राज्यों में क्षेत्रीय दलों को भी कड़ा संघर्ष करना चाहिए।
ममता ने कहा कि वह वाराणसी भी जाएंगी क्योंकि कमलापति त्रिपाठी का परिवार अब हमारे साथ है। बता दें कि उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलापति त्रिपाठी के परिवार के राजेशपति और ललितेशपति त्रिपाठी अक्टूबर में तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वह जब 30 नवंबर को दो दिवसीय दौरे पर महाराष्ट्र जाएंगी तब मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार से मुलाकात करेंगी। ममता बनर्जी के बढ़ते कदमों से न केवल कांग्रेस में बेचैनी है बल्कि भाजपा खेमे में भी खलबली मची हुई है। 2024 के चुनाव को लेकर ममता बनर्जी पूरी तैयारी कर रही है। लोकसभा चुनाव में देश के अधिकांश राज्यों में पार्टी को मजबूत करने के लिए ममता बनर्जी प्लानिंग के साथ आगे बढ़ रही है।