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वेव्स रचनात्मकता की एक नई लहर है: मोदी

  • मुंबई में चार दिवसीय वेव्स शिखर सम्मेलन आरंभ
  • सौ से अधिक देशों की भागेदारी
  • हिन्ट रेडियो भी सम्मेलन में कर रहा है भागेदारी

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को मुंबई में विश्व दृश्य-श्रव्य एवं मनोरंजन शिखर सम्मेलन यानी वेव्स का उद्घाट्न किया। उन्होंने समिट में जुटे एक हजार से अधिक क्रिएटर्स का उत्साह बढ़ाया। वेव्स 2025 चार दिवसीय कार्यक्रम मीडिया और मनोरंजन जगत को साथ ला रहा है। वेव्स 2025 की टैगलाइन है- कनेक्टिंग क्रिएटर्स, कनेक्टिंग कंट्रीज। इसमें 90 से अधिक देशों की भागीदारी है, जिसमें 10,000 से अधिक प्रतिनिधि, 1,000 क्रिएटर्स, 300 से अधिक कंपनियां और 350 से अधिक स्टार्टअप शामिल हो रहे हैं। इस महोत्सव के तीसरे दिन भारत के समस्त सामुदायिक रेडियो स्टेशन के भी कार्यक्रम दिखाए जाएंगे। इस तीसरे दिन सामुदायिक रेडियो के संयुक्त प्रदर्शन में उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जनपद के एकमात्र सामुदायिक रेडियो स्टेशन हिन्ट रेडियो 90. 40 मेगाा हर्ट्ज की भी भागेदारी हो रही है। हिन्ट रेडियो की ओर से स्टेशन के निदेशक सामंत सेखरी प्रतिभागी होंगे और हिन्ट रेडियो द्वारा तैयार किए गए जनहित के कई कार्यक्रमों को प्रदर्शित भी करेंगे। आज के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आज यहां मुंबई में 100 से अधिक देशों के कलाकार, निवेशक और नीति निर्माता एक साथ एक ही छत के नीचे एकत्र हुए हैं। एक तरह से आज यहां वैश्विक प्रतिभा और वैश्विक रचनात्मकता के एक वैश्विक पारिस्थितिकी तंत्र की नींव रखी जा रही है। वेव्स सिर्फ एक संक्षिप्त शब्द नहीं है। ये एक लहर है- संस्कृति की, रचनात्मकता की, यूनिवर्सल कनेक्ट की। उन्होंने कहा कि ‘वेव्स एक ऐसा वैश्विक मंच है, जो आप जैसे हर कलाकार, हर क्रिएटर का है। जहां हर कलाकार, हर युवा एक नए विचार के साथ रचनात्मक दुनिया के साथ जुड़ेगा। आज एक मई है। आज से 112 साल पहले 3 मई, 1913 को भारत में पहली फीचर फिल्म राजा हरिश्चंद्र रिलीज हुई थी, इसके निर्माता दादा साहेब फाल्के जी थे और कल ही उनकी जन्म जयंती थी। बीती एक सदी में भारतीय सिनेमा ने भारत को दुनिया के कोने-कोने में ले जाने में सफलता पाई है। पीएम मोदी ने कहा कि आज वेव्स में इस मंच पर हमनें भारतीय सिनेमा के अनेक दिग्गजों को डाक टिकट के माध्यम से याद किया है। बीते वर्षों में मैं कभी गेमिंग की दुनिया के, कभी संगीत की दुनिया के लोगों से, कभी फिल्म निर्माताओं से, कभी स्क्रीन पर चमकने वाले चेहरों से मिला। इन चर्चाओं में अक्सर भारत की रचनात्मकता, रचनात्मक क्षमता और वैश्विक सहयोग की बातें उठती थीं। लाल किले से मैंने ‘सबका प्रयास’ की बात कही है। आज मेरा ये विश्वास और पक्का हो गया है कि आप सभी का प्रयास आने वाले वर्षों में वेव्स को नई ऊंचाई देगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ये ‘भारत में सृजन करें, विश्व के लिए सृजन करें’ का सही समय है। आज जब दुनिया कहानी सुनाने के नए तरीके ढूंढ रही है तब भारत के पास हजारों वर्षों की अपनी कहानियों का खजाना है। और ये खजाना समय से परे है, सोच का दायरा बढ़ाने वाला है और वास्तव में वैश्विक है। ये भारत में आॅरेंज इकोनॉमी का उदय काल है। सामग्री, रचनात्मकता और संस्कृति, ये आॅरेंज इकोनॉमी की तीन धुरी है। भारतीय फिल्मों की पहुंच अब दुनिया के कोने-कोने में पहुंच रही है। आज 100 से अधिक देशों में भारतीय फिल्में रिलीज होती हैं। इसलिए आज बड़ी संख्या में विदेशी दर्शक भारतीय कंटेंट को उपशीर्षक यानी सबटाइटिल के साथ देख रहे हैं।

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