चर्चा-ए-आमराष्ट्रीय

दिल्ली में जंग-यूपी में भीतरघात !

कमल सेखरी
दिल्ली में चुनावी घोषणा हुए अभी दो दिन ही बीते हैं कि दिल्ली में चुनावी जंग बड़ी तेजी से आरपार की लड़ाई की तरह शुरू हो गई है। आम आदमी पार्टी के संयोजक पूर्व मुख्यमंत्री अरिवंद केजरीवाल नामालूम कहां-कहां से नए मुद्दे खोद-खोदकर ला रहे हैं जिनका जवाब भाजपा को देना ना सिर्फ मुश्किल पड़ रहा है बल्कि वो बेहिसाब इधर-उधर बगले झांकने लगी है। केजरीवाल बीस ओवर के क्रिकेट मैच की तरह धुआंधार बल्लेबाजी कर रहे हैं और उनके बल्ले से निकल रहे शॉट भाजपा और कांग्रेस से रोके नहीं रुक रहे हैं। दिल्ली चुनाव के इस जोरदार धमाके के बीच जो शोरगुल दिखाई दे रहा है और सुनने को मिल रहा है उसके चलते दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश सत्ता दल के बीच जो भीतरघात की जंग छिड़ गई है उस पर किसी का ध्यान नहीं जा रहा है। मीडिया भी दिल्ली के शोरगुल के बीच यूपी में चल रहे शीतयुद्ध की तरफ नजर भी नहीं डाल रहा है। मिली जानकारियों के अनुसार दिल्ली में बैठे भाजपा के शीर्ष नेतृत्व और उत्तर प्रदेश की सत्ता संभाले मुख्यमंत्री के बीच जो पुरानी चिंगारी एक लंबे समय से सुलग रही थी वो यकायक तेजी पकड़ गई है। प्रयागराज में आयोजित किए जा रहे महाकुंभ को लेकर ये पुरानी जंग नई चिंगारियां देने लगी है, ऐसा राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है।
उत्तर प्रदेश के तीन कैबिनेट मंत्रियों ने अचानक ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ पुरजोरता से नया मोर्चा खोल दिया है। प्रदेश सरकार के मंत्री आशीष पटेल ने सार्वजनिक तौर पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए यहां तक भी कहा है कि हिम्मत हो तो मेरे सीने में गोली मार दो। लेकिन हमारी जुबान बंद नहीं होगी। इन्हीं मंत्री जी की पत्नी अनुप्रिया पटेल जो केन्द्र में मंत्री हैं उन्होंने अपने पति के साथ खड़े होकर योगी सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं और कहा है कि पिछड़ी जातियों और अनुसूचित जातियों के खिलाफ सरकार का जो रवैया चल रहा है उसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
इसी तरह प्रदेश के एक अन्य मंत्री संजय निषाद ने भी खुलकर योगी सरकार की निंदा की है और इसी तर्ज पर मंत्री ओपी राजभर ने भी प्रदेश नेतृत्व पर कई तीखे प्रहार किए हैं। इसी तरह गाजियाबाद के लोनी से भाजपा विधायक नदंकिशोर गुर्जर ने खुले तौर पर यह आरोप लगाया है कि उत्तर प्रदेश में पुलिस-प्रशासन के संरक्षण में कई हजार गाय हर रोज काटी जा रही हैं और बार शिकायत करने पर भी कोई गौर नहीं कर रहा है। बताया जा रहा है कि इसी माहौल के चलते लगभग 150 विधायकों ने भी उत्तर प्रदेश नेतृत्व के खिलाफ अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए केन्द्र में पार्टी हाईकमान को लिखित शिकायत दर्ज की है। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि प्रयागराज में आयोजित किए जा रहे महाकुंभ का आयोजन अगर सफलतापूर्वक संपन्न हो जाता है तो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कद इतना अधिक बड़ा हो जाएगा कि भाजपा में अन्य सभी नेता उनके समक्ष बौने ही नजर आएंगे।
भाजपा के वर्तमान शीर्ष नेतृत्व को अब यही चिंता सताने लगी है कि महाकुंभ के सफल आयोजन के बाद योगी आदित्यनाथ पार्टी में कहां खड़े होंगे और उनका स्थान फिसलकर कितना नीचे आ जाएगा। उनकी यही चिंता उस खेल को बनाती नजर आ रही है जो आज उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विरुद्ध मजबूती से खड़ी हो रही है। बताया जाता है कि केन्द्र में भाजपा शीर्ष नेतृत्व के समर्थन से जो लोग भी प्रदेश व्यवस्था के खिलाफ मुखर हो रहे हैं वो टीम-1 बनकर काम कर रहे हैं और मुख्यमंत्री के साथ जो लोग खड़े हैं वे टीम-2 के नाम से जाने जा रहे हैं। फिलहाल उत्तर प्रदेश का यह शीतयुद्ध टीम-1 व टीम-2 के बीच लुकाछुपी का खेल खेलते हुए शुरू हो गया है और यह खेल महाकुंभ आयोजन के दौरान या फिर आयोजन होने के तुरंत बाद अपना कोई अलग रंग दिखा सकता है। बताया यह भी जा रहा है कि अगर महाकुंभ सफलतापूर्वक आयोजित हो गया तो देश का शीर्ष नेतृत्व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पीठ थपथपाकर बधाई देगा और उन्हें देश की रक्षा और सुरक्षा के नाम से कोई बड़ा दायित्व भी केन्द्र में सौंपेगा, ऐसी अटकलें भी लगाई जा रही हैं।

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