
July 2021 Vrat Tyohar: जून का आज अंतिम दिन अंग्रेजी कैलेंडर का छठा महीना है। कल से सातवें महीने जुलाई का प्रारंभ होने वाला है। जुलाई माह व्रत एवं त्योहार की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है। आइये जुलाई में होने वाले व्रत एवं त्योहार के बारे में-
जुलाई 2021 में योगिनी एकादशी, इस माह में ही मलमास या चतुर्मास का प्रारंभ देवशयनी एकादशी से होगा, जिसमें चार माह के लिए पृथ्वी के पालनहार श्रीहरि विष्णु समेत सभी देव योग निद्रा में चले जाएंगे। पृथ्वी के संचालन का दायित्व देवों के देव महादेव संभालेंगे। चार माह तक वे जगत के पालनहार रहेंगे। चतुर्मास में विवाह, मुंडन, उपनयन संस्कार जैसे मांगलिक कार्य नहीं होंगे। इस दौरान भगवान शिव की आराधना होगी।
भगवान शिव का प्रिय मास सावन का भी प्रारंभ जुलाई में ही होगा। 02 जुलाई: दिन: शुक्रवार- शीतलाष्टमी, बसौड़ा, 05 जुलाई: दिन: सोमवार- योगिनी एकादशी, 07 जुलाई: दिन: बुधवार- बुध प्रदोष व्रत, 08 जुलाई: दिन: गुरुवार- मासिक शिवरात्रि, 09 जुलाई: दिन: शुक्रवार:- आषाढ़ अमावस्या, 11 जुलाई: दिन: रविवार: – गुप्त नवरात्रि प्रारंभ, 12 जुलाई: दिन: सोमवार:- जगन्नाथ रथ यात्रा, 13 जुलाई: दिन: मंगलवार:- विनायक चतुर्थी, 16 जुलाई: दिन: शुक्रवार:- ताप्ती जयंती और कर्क संक्रांति, 20 जुलाई: दिन: मंगलवार:- देवशयनी एकादशी, चतुर्मास, मलमास या चौमासा का प्रारंभ, मंगल का सिंह राशि में प्रवेश।
21 जुलाई: दिन: बुधवार: – बुध प्रदोष व्रत, ईद उल जुहा (बकरीद), वामन द्वादशी, 22 जुलाई: दिन: गुरुवार: विजया पार्वती व्रत, मंगला तेरस, 23 जुलाई: दिन: शुक्रवार: आषाढ़ पूर्णिमा, 24 जुलाई: दिन: शनिवार: गुरु पूर्णिमा, 25 जुलाई: दिन: रविवार: श्रावण मास प्रारंभ, 26 जुलाई: दिन: सोमवार: सावन सोमवार व्रत, 27 जुलाई: दिन: सोमवार: मंगला गौरी व्रत, गणेश संकष्टी चतुर्थी
योगिनी एकादशी 2021 तिथि
मालूम हो कि इसके अलावा हर माह में दो एकादशी व्रत होते हैं। प्रत्येक एकादशी व्रत का अपना महत्व होता है। आषाढ़ मास में दो एकादशी व्रत है, पहला योगिनी एकादशी व्रत और दूसरा देवशयनी एकादशी व्रत। योगिनी एकादशी व्रत इस वर्ष जुलाई माह के दूसरे सप्ताह में 5 तारीख को है। योगिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पीले पुष्प, पीले फल, बेसन के लड्डू या गुड़ तथा चना का भोग, अक्षत्, धूप, दीप, पीले वस्त्र आदि से पूजा की जाती है। पूरे दिन व्रत रखा जाता है और भगवान विष्णु की आराधना की जाती है। योगिनी एकादशी का व्रत रखने से व्यक्ति को कुष्ठ रोग से मुक्ति मिलती है और उसके सभा पाप मिट जाते हैं।
इस वर्ष योगिनी एकादशी 05 जुलाई दिन सोमवार को है। आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 04 जुलाई को शाम को 07 बजकर 55 मिनट पर लग रही है, जो 05 जुलाई दिन सोमवार को रात 10 बजकर 30 मिनट तक है।
योगिनी एकादशी के दिन प्रात: स्नान आदि से निवृत हो जाएं और स्वच्छ वस्त्र हो सके तो पीले रंग का धारण कर लें। इसके बाद हाथ में जल लेकर एकादशी व्रत और विष्णु पूजा का संकल्प लें। इसके बाद एक चौकी पर पीले रंग का आसन डालकर विष्णु जी की मूर्ति या तस्वीर स्थापित कर दें। फिर उनका जल से अभिषेक करें। उनको पुष्प, फल, चंदन, तुलसी दल, अक्षत्, पीले वस्त्र, धूप, दीप, पंचामृत आदि अर्पित करें। फिर विष्णु चालीसा और विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें और योगिनी एकादशी व्रत की कथा का श्रवण करें। पूजा के अंत में भगवान विष्णु की आरती करें। इसके बाद प्रसाद लोगों को वितरित करें।