गाजियाबाद। केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान में शाकाहारी आहार सदा गुणकारी विषय पर गोष्टी का आयोजन किया गया।
प्रो.करुणा चांदना ने कहा कि शाकाहारी आहार वर्षों से एक श्रेष्ठ शैली रही है यद्यपि अब यह शैली बहुत ही प्रचलित हो रही है और डिजिटल वर्ल्ड में इसने तूफान लाकर खड़ा कर दिया है खास करके करोना काल में तो इसका महत्व बहुत बढ़ गया है शाकाहारी आहार में फल, सब्जियां, बींस, नट्स बीज सब चीजें शामिल होती हैं बहुत से लोग यह भी सोचते हैं कि शाकाहारी भोजन संतुलित नहीं है लेकिन यह धारणा गलत है क्योंकि शाकाहारी आहार में तीन मैक्रोन्यूट्रिएंट्स का अनुपात बहुत अच्छी मात्रा में होता है जैसे कार्बोहाइड्रेट प्रोटीन और वसा। शाकाहारी आहार नैतिक कारणों धार्मिक मान्यताओं और शुद्ध पर्यावरण के कारण स्वस्थ शैली मानी जाती है। यह शैली शारीरिक मानसिक आध्यात्मिक गुणों से ओतप्रोत है। अध्यात्मिक से हमारा मतलब प्राण ऊर्जा जिसको खाने के बाद शरीर एक तो जिसको खाने के बाद मन और आत्मा की संतुष्टि होती है इसके विपरीत जो पशु जनित खाद्य पदार्थ खाते हैं उनके अंदर पशु प्रवृत्ति आक्रोश पैदा होता है। शारीरिक दृष्टि से भी इसके बहुत फायदे हैं जैसे ह्रदय को स्वस्थ रखता है, कोलेस्ट्रोल को कंट्रोल रखता है, मोटापा, डायबिटीज, किडनी की बीमारियों से दूर रखता है।
केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि आध्यात्मिक, स्वास्थ्य, नैतिकता, मानवता व गुणों की दृष्टि से शाकाहारी भोजन सर्वश्रेष्ठ है। मांस अंडे मनुष्य का भोजन नहीं है। बढ़ता वैश्विक पर्यावरण का प्रदूषण का जीव हत्या व मांसाहार भी एक कारण है।
राष्ट्रीय मंत्री प्रवीण आर्य ने कहा कि मांसाहारी भोजन पाप का एक कारण है। आर्य नेता राजेश मेहंदीरत्ता व पूजा सलूजा ने भी शाकाहारी भोजन अपनाने का आह्वान किया। गायिका प्रवीना ठक्कर,प्रवीन आर्या,दीप्ति सपरा,संगीता आर्या, सुदेश आर्या,रवीन्द्र गुप्ता,रजनी चुघ,राज चावला,प्रतिभा कटारिया,जनक अरोड़ा आदि ने मधुर भजन सुनाये। हापुड़ से आंनद प्रकाश आर्य,डॉ रचना चावला,आस्था आर्या,आशा आर्या,सुनीता स्नोत्रा,वीना आर्या आदि उपस्थित थे।