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ओलंपिक में जीत का परचम लहरा रही उत्तराखंड की बेटी

देहरादून। यूं तो उत्तराखंड राज्य से कई युवा खेल में एक नया मुकाम हासिल कर रहे हंै तो वहीं अब उत्तराखंड का नाम साथ लेकर चल रही वंदना कटारिया ओलंपिक में इतिहास रचा रही हैं। हरिद्वार के छोटे से गांव से निकली वंदना आज पूरे विश्व में प्रदेश का नाम रोशन कर रही हैं। भारतीय महिला हॉकी टीम की खिलाड़ी वंदना कटारिया ने टोक्यो ओलंपिक में अपना परचम लहराया। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ मैच में वंदना ने तीन गोल किए और टीम को जीत दिलाने में मुख्य भूमिका निभाई। वहीं वंदना ने ओलंपिक में हैट्रिक लगाकर पहली भारतीय महिला हॉकी खिलाड़ी का खिताब भी अपने नाम किया। इसके बाद परिजनों, ग्रामीणों और जिले के खेल अधिकारियों में जश्न का माहौल बना हुआ है। बता दें कि वंदना का जन्म 15 अप्रैल 1992 में रोशनाबाद में हुआ था। वंदना कटारिया ने पहली बार जूनियर अंतरराष्ट्रीय स्पर्धा में 2006 में प्रतिभाग किया। इसके बाद वह साल 2013 में देश में सबसे अधिक गोल करने में कामियाब रहीं। इसके बाद वंदना जिंदगी में एक से बढ़कर एक गोल करती रहीं और पीछे मड़कर नहीं देखा। कटारिया भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तान भी रह चुकी हैं। ओलंपिक की तैयारियों के बीच वंदना के पिता का निधन हो गया था जिसके कारण वह पिता को आखिरी बार भी न देख सकी। फिलहाल ग्रामीण परिवार के लोगों को शुभकामनाएं देने पहुंच रहे हैं।

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