लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सरकारी आवास पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आवास एवं शहरी नियोजन विभाग, आवास विकास परिषद एवं सभी शहरी विकास प्राधिकरणों के कार्यों की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा से विगत 5 वर्षांे में उत्तर प्रदेश में विश्वस्तरीय नगरीय अवस्थापना सुविधाओं में अभूतपूर्व विस्तार हुआ है। आरआरटीएस और मेट्रो जैसी अत्याधुनिक नगरीय परिवहन हो या शुद्ध पेयजल, इंटीग्रेटेड टाउनशिप का विकास, एक्सप्रेस-वे की रफ्तार हो या कूड़ा प्रबंधन की व्यवस्था, हर क्षेत्र में तकनीक की मदद से आम शहरवासियों को ईज आॅफ लिविंग का अनुभव हो रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के विजन के अनुरूप अगर हमें एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को प्राप्त करना है तो हमें शहरीकरण को बढ़ाना होगा। इसमें विकास प्राधिकरणों की भूमिका बहुत अहम है। निवेश, रोजगार और नवाचार के लिए तकनीक की मदद से विकास प्राधिकरणों को स्वत: स्फूर्त भाव से आगे बढ़ना होगा। हमें नगरीय नियोजन का मॉडल देना होगा। सभी विकास प्राधिकरण अपने विजन के अनुरूप प्रयास करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास परियोजनाओं का निर्धारण करते समय 50 वर्षों की स्थिति को ध्यान में रखा जाए। मास्टर प्लान में सुनियोजित विकास का पूरा खाका होना चाहिए। हर विकास प्राधिकरण/नगरीय निकाय में टाउन प्लानर की तैनाती की जाए। प्राधिकरणों को अपनी परियोजनाओं के लिए वित्तीय प्रबंधन स्वयं ही करने पर गम्भीरता से विचार करना होगा। नए शहर बसाने हों अथवा कोई अन्य ग्रीन फील्ड परियोजना इनकी प्लानिंग ऐसी हो कि कॉमर्शियल गतिविधियों को बढ़ावा मिल सके। इससे प्राधिकरणों की आय में बढ़ोत्तरी होगी, जो संबंधित परियोजना में उपयोग हो सकेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सतत-समन्वित प्रयासों से आज राजधानी लखनऊ मेट्रोपोलिटन सिटी के रूप में अत्याधुनिक नगरीय सुविधाओं से सम्पन्न हो रही है। विभिन्न नगरों से लोग यहां आकर अपना स्थायी निवास बनाना चाहते हैं। आस-पास के जिलों में भी जनसंख्या का दवाब बढ़ रहा है और कई बार अनियोजित विकास की शिकायतें भी मिलती हैं। ऐसे में भविष्य की आवश्यकताओं को देखते हुए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) की तर्ज पर उत्तर प्रदेश राज्य राजधानी क्षेत्र का गठन किया जाना चाहिए। इस राज्य राजधानी क्षेत्र में लखनऊ के साथ-साथ उन्नाव, सीतापुर, रायबरेली, बाराबंकी, कानपुर नगर और कानपुर देहात को शामिल किया जा सकता है। सभी आयामों पर अध्ययन और विमर्श करते हुए यथाशीघ्र विस्तृत कार्ययोजना प्रस्तुत की जाए।
प्रधिकरणों और नगरीय निकायों में भू-माफियाओं के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति के साथ कठोरतम कार्रवाई का दौर लगातार जारी रहेगा। भूमि सरकारी हो या निजी, अवैध कब्जे की हर शिकायत पर पूरी संवेदनशीलता के साथ त्वरित कार्रवाई की जाए। प्रदेश में किसी भी गरीब के घर पर दबंग का कब्जा कतई स्वीकार नहीं किया जा सकता। सभी प्राधिकरण और स्थानीय निकाय यह सुनिश्चित करें कि कहीं भी किसी भी परिस्थिति में अवैध बस्तियां/रिहायशी कॉलोनी न बसने पाएं। हर कॉलोनी में सभी आवश्यक सुविधाओं की व्यवस्था की जाए।
लखनऊ ग्रीन कॉरिडोर की विशिष्ट योजना को जल्द से जल्द प्रारंभ किया जाए। यह योजना लखनऊ को एक आकर्षक स्वरूप देने वाली होगी। नगर निगम, लखनऊ के दायरे को विस्तार दिया जाए। बटलर झील और सीजी सिटी में वेटलैंड के पुनरोद्धार के लिए तत्काल कार्यवाही की जाए। प्राधिकरणों के अन्तर्गत आने वाले सभी आवासीय/निजी/शासकीय भवनों में रेन वॉटर हारवेस्टिंग को प्रोत्साहित किया जाए। इस संबंध में एक सुस्पष्ट नियमावली तैयार कर प्रस्तुत करें। लखनऊ, कानपुर, गोरखपुर, मुरादाबाद, सहारनपुर, झांसी, मथुरा, बरेली, मेरठ, आगरा, चित्रकूट, वाराणसी, प्रयागराज का सिटी डेवलपमेन्ट प्लान तैयार कर लिया जाए। लीड्स – 2021 नीति के अन्तर्गत गाजियाबाद, प्रयागराज, आगरा, लखनऊ, कानपुर, वाराणसी एवं मेरठ की शहरी लॉजिस्टक योजना शीघ्र तैयार करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजधानी लखनऊ में मेट्रो की सेवा आम जन को खूब भा रही है। कोविड काल से पूर्व करीब 72,000 यात्री हर दिन इस सेवा का लाभ लेते रहे हैं, अब एक बार फिर मेट्रो में यात्रियों की संख्या पूर्ववत हुई है। लखनऊ मेट्रो के अगले चरण के विकास का प्रस्ताव तैयार कर एक सप्ताह में प्रस्तुत किया जाए। मथुरा वृंदावन विकास प्राधिकरण में गोकुल और बलदेव के क्षेत्र को समाहित करते हुए इसका विस्तारीकरण किया किया जाए तथा इस सम्बंध में औपचारिक प्रस्ताव तैयार किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि रिटेल एस्टेट सेक्टर में विकास की अपार संभावनाएं हैं। हाल के वर्षों में अनेक हाईटेक टाउनशिप और इंटीग्रेटेड टाउनशिप की परियोजनाओं और तीन बार की ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी के माध्यम से लगभग 30,877 करोड़ रुपये का निवेश इस सेक्टर में आया है। अब जनवरी 2023 में प्रस्तावित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में अधिकाधिक निवेशकों को आकर्षित करने के लिए यह जरूरी है कि इंटीग्रेटेड टाउनशिप प्लान को और व्यावहारिक बनाया जाए। नवीन नीति तैयार करते समय सम्बंधित सेक्टर के विशेषज्ञों, निवेशकों की जरूरतों और अपेक्षाओं का भी ध्यान रखें। यह नीति इसी माह के अंत तक तैयार कर प्रस्तुत करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अयोध्या में पुरातन संस्कृति सभ्यता का संरक्षण के साथ-साथ भविष्य की जरूरतों को देखते हुए आधुनिक पैमाने के अनुसार सभी नगरीय सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए सरकार संकल्पित है। प्रधानमंत्री की भावनाओं के अनुरूप तैयार अयोध्या के समग्र विकास की हर परियोजना शासन की प्राथमिकता है। यहां के सांस्कृतिक महत्व के दृष्टिगत ब्रह्मकुंड, संध्या कुंड, मनु मुनि कुंड, विद्या कुंड, अग्नि कुंड, सीताकुंड, दशरथ कुंड, खजुआ कुंड सहित 8 कुंडों के कायाकल्प, संरक्षण संचालन और रखरखाव का काम जल्द से जल्द पूरा कर लिया जाए। इसके अंतर्गत वैदिक विधि से जल शुद्धिकरण की सुविधा भी हो।
इस अवसर पर मुख्य सचिवदुर्गा शंकर मिश्र, अपर मुख्य सचिव वित्त प्रशान्त त्रिवेदी, प्रमुख सचिव आवास एवं शहरी नियोजन नितिन रमेश गोकर्ण, सचिव शहरी विकास रंजन कुमार, सचिव नियोजन आलोक कुमार, निदेशक सूचना शिशिर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।