- पूरे प्रदेश में नवंबर माह के दौरान चल रहीं सामुदायिक गतिविधियां
- टीकाकरण के साथ ही डेंगू, मलेरिया से बचाव पर भी हो रही चर्चा
गाजियाबाद। बेहतर स्वास्थ्य के लिए बच्चों का नियमित टीकाकरण (आरआई) कितना जरूरी है, जन समुदाय? को यह बात बताने के लिए यूनिसेफ की ओर से पूरे नवंबर माह के लिए सामुदायिक गतिविधियां प्लान की गई हैं। यूनिसेफ की टीम कम टीकाकरण वाले क्षेत्रों में जाकर छोटी-छोटी बैठकें आयोजित कर रही हैं। यूनिसेफ के जिला समन्वयक (डीएमसी) मोहम्मद शादाब ने बताया कि हमारी टीम जन मानस को टीकाकरण के संबंध में जागरूक करने के लिए समाज के प्रभावशाली लोगों की मदद ले रही हैं। राशन डीलर, ग्राम प्रधान, वार्ड मेंबर, सभासद और पार्षद के अलावा इमाम और मौलवी समेत तमाम धर्मगुरुओं का सहारा लिया जा रहा है ताकि लोग उनकी बात मानें और टीकाकरण में सहयोग करें।
मोहम्मद शादाब ने बताया कि इसी क्रम में यूनिसेफ की टीम इकबाल कालोनी, पसौंडा पहुंची। यहां बीएमसी संगीता के अलावा एएनएम चंचल ने भी लोगों को बच्चों की सेहत के लिए नियमित टीकाकरण की महत्ता पर प्रकाश डाला। उन्हें बताया गया कि बच्चों के जीवन और सेहत के लिए टीकाकरण सबसे प्रभावी और किफायती तरीका है। टीकाकरण न कराने पर शिशु के जीवन को खतरा भी हो सकता है। टीकाकरण 12 जानलेवा और घातक बीमारियों से बचाव के लिए सुरक्षा चक्र तैयार करता है। बेहतर सुरक्षा चक्र के लिए बच्चों को पांच वर्ष की उम्र तक सात बार में 10 टीके लगाए जाते हैं। इस मौके पर मोतावल्ली मस्जिद से डा. शोएब, अब्दुल माजिद, अकील अहमद के अलावा क्षेत्र के प्रभावशाली व्यक्ति शाहिद अली, वसीम अली, रिहान, इरफान, अब्दुल सत्तार, एहसान, हुस्न हारा और नूर निशा सबा आदि मौजूद रहे।
बीएमसी नेहा ने आशा और एएनएम पूजा राय के सहयोग से इस्लाम नगर में मेडिकल आफिसर डा. शारिक की मौजूदगी में टीकाकरण के बारे में जानकारी दी। टीकाकरण चक्र कार्ड के जरिए यह बताने का प्रयास किया गया कि बच्चों को कितनी उम्र पर कौन सा टीका लगता है। मौलाना डा. शारिक ने सेहत के लिए टीकाकरण जरूरी बताते हुए सहयोग की अपील की। मोहम्मद शादाब ने बताया कि यूनिसेफ की टीम सामुदायिक गतिविधियों के दौरान टीकाकरण के साथ मौसमी बीमारियों- मलेरिया और डेंगू से बचाव के बारे में भी जागरूक कर रही हैं और साथ ही सेहत के लिए सफाई की महत्ता के बारे में भी बता रही हैं। इसी तरह कैलाभट्ठा और चांदमारी क्षेत्र में भी जागरूकता कार्यक्रमों को आयोजन किया गया है।
बुधवार – शनिवार को होता है टीकाकरण
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी (एसीएमओ) डा. नीरज अग्रवाल ने बताया कि हर बुधवार और शनिवार को स्वास्थ्य केंद्रों और सब- सेंटरों पर आयोजित ग्राम स्वास्थ्य एवं पोषण दिवस (वीएचएनडी) के मौके पर स्वास्थ्य विभाग की ओर से यह टीके निशुल्क लगाए जाते हैं। स्वास्थ्य विभाग के टीके पूरी तरह सुरक्षित और प्रभावी हैं और कोल्ड चेन में अच्छे से संरक्षित किए जाते हैं। टीकाकरण के संबंध में अधिक जानकारी के लिए स्थानीय आशा से संपर्क किया जा सकता है।
टीकाकरण में लापरवाही बर्दाश्त नहीं
मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. भवतोष शंखधर ने कहा कि शत-प्रतिशत नियमित टीकाकरण जरूरी है। टीकाकरण अभियान में लगे कर्मचारी पूरे मनोयोग से इस काम में जुटे रहें। पूरी लॉजिस्टिक लेकर एएनएम का फील्ड में रहना अनिवार्य है। टीकाकरण के प्रति उदासीन परिवार की सूचना बीएमसी यूनिसेफ को दें। सुपरवाइजर भी अपने- अपने क्षेत्र में मौजूद रहे। यदि किसी कर्मचारी ने लापरवाही की तो बर्दाश्त नहीं की जाएगी।