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UNESCO World Heritage : हजार खंभों पर बना तेलंगाना का काकतीय रुद्रेश्‍वर मंदिर विश्‍व धरोहर में हुआ शामिल, पीएम ने दी बधाई

नई दिल्‍ली। तेलंगाना का काकतीय रुद्रेश्‍वर मंदिर विश्‍व धरोहर में शामिल किया गया है। यूनेस्‍को की वर्ल्‍ड हेरिटेज साइट ने इसे विश्‍व धरोहर के तौर पर जगह दी है। 800 साल पुराने इस मंदिर को रामप्‍पा मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस उपलब्‍धि पर देश को बधाई दी है।

पीएम मोदी ने ट्वीट किया, ‘उत्कृष्ट! सभी को बधाई, खासकर तेलंगानावासियों को। मैं लोगों से आग्रह करता हूं कि वे काकतीय वंश द्वारा निर्मित इस अद्भुत मंदिर का अनुभव जरूर लें।’ मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने भी यूनेस्को के निर्णय का स्वागत करते हुए खुशी जताई।

यूनेस्‍को ने ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी। यूनेस्‍को ने कहा- ‘यूनेस्‍को वर्ल्‍ड हेरिटेज साइट में काकतीय रुद्रेश्‍वर (रामप्‍पा) मंदिर को शामिल किया गया है।
भगवान शिव को समर्पित इस मंदिर में मुख्य रूप से रामलिंगेश्वर स्वामी की पूजा होती है। इसका निर्माण 13वीं शताब्दी में हुआ था। मंदिर को शिल्पकार रामप्पा का नाम दिया गया, जिसने 40 वर्षों के अथक प्रयास के बाद इसका निर्माण किया था। छह फीट ऊंचे सितारे जैसे प्लेटफार्म पर निर्मित यह मंदिर वास्तु शिल्प का अद्भुत नमूना है।

तेलंगाना के मंत्री केटी रामा राव ने भी इस उपलब्धि पर प्रसन्‍नता जताई। उन्‍होंने ट्वीट कर कहा- आप सभी को एक अच्‍छी खबर साझा कर रहा हूं। यूनेस्‍को ने तेलंगाना के 800 साल पुराने काकतीय रुद्रेश्‍वर मंदिर को विश्‍व धरोहर में शामिल कर लिया है। मैं इसके लिए प्रयासरत सभी लोगों को बधाई देता हूं। यह मंदिर तेलंगाना की पहली वर्ल्‍ड हेरिटेज साइट है। हमरा अगला लक्ष्‍य राजधानी हैदराबाद को वर्ल्‍ड हेरिटेज सिटी का दर्जा दिलाना है।

हजार खंभों पर बना मंदिर

इस मंदिर में शिव, श्री हरि और सूर्य देवता की प्रतिमाएं स्‍थापित हैं। यह हजार खंभों पर बना प्राचीन वास्‍तु शिल्‍प का बेजोड़ नमूना है। इसका विशाल प्रवेश द्वार काफी आकर्षक है। मंदिर पर बनी मनमोहक नक्‍काशि‍यां बरबस ही लोगों का ध्‍यान खींच लेती हैं। ऐसे में जब इस दौर के बने कई मंदिर खंडहर में तब्‍दील हो गए हैं तब कई प्राकृतिक आपदाओं के बाद भी इस मंदिर को कोई बड़ा नुकसान नहीं पहुंचा है।

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